Alwar दशलक्षण महापर्व आज से जैन मंदिरों में होंगे विधान, हो रहे है आयोजन

श्ववेताबंर जैन मंदिरों में भक्तिमय हुआ माहौल: रिद़िध सिद्धि पार्श्वनाथ भगवान मंदिर राज राजेंद्र सूरीश्वर गुरु मंदिर कटी घाटी में पर्यूषण पर्व के तहत स्नात्र महोत्सव के तहत भगवान की आरती का लाभ लज्जा देवी ने लिया। इसके बाद दादा गुरुदेव की आरती व शास्त्री कलश किया गया। कार्यक्रम संयोजक भागचंद जैन ने बताया कि प्रभू की पूजा दो प्रकार से की जाती है। द्रत्य पूजा से तात्पर्य है कि परमात्मा के चरणों में उत्तम वस्तु या पदार्थ को समर्पित करना। अंग पूजा परमात्मा को छूकर की जाती है। अंग्र पूजा परमात्मा के समक्ष खडे़ होकर की जाती है। अंत में रविंद्र कुमार जैन व आशा जैन ने सभी को प्रभावना वितरित की। इसके साथ ही महावीर भवन में जैन साध्वी के प्रवचन हुए और दादाबाड़ी जैन मंदिर में भी पूजा की गई।
गणपति महोत्सव आज सेप्रतिदिन होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम
गणपति महोत्सव समिति की ओर से 19 से 23 सितंबर तक गणपति महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। महोत्सव का शुभारंभ पर प्रात:7. 30 बजे लाल दरवाजा गणेश मंदिर से बैंडबाजे से अखंड ज्योत राजर्षि अभय समाज के रंगमंच पर लाई जाएगी। इस अवसर पर 251 कलशों की कलश यात्रा निकाली जाएगी। समिति की ओर से महोत्सव के लिए 15 हजार मोदक तैयार किए गए हैं। पीतल से निर्मित साढ़े पांच फ़ीट की प्रतिमा को मंच पर विराजमान किया जाएगा। इसमें प्रतिदिन दोपहर में भजन संध्या व शाम को बच्चों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाएगी। समिति की ओर से 21 सितंबर को शाम 4 बजे बच्चों के लिए चित्रकला व मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। 22 को मेहंदी प्रतियोगिता होगी। जिसमें सभी आयु वर्ग की महिलाएं भाग ले सकेंगी।