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Alwar महावर धर्मशाला में हुई धर्मसभा में गौ माता को बचाने का किया आह्वान

 
Alwar महावर धर्मशाला में हुई धर्मसभा में गौ माता को बचाने का किया आह्वान
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर   ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती मंगलवार को गौ प्रतिष्ठा संकल्प यात्रा के तहत अलवर आए। शाम 5.30 बजे कुश मार्ग स्थित महावर धर्मशाला में धर्मसभा हुई। इस दौरान उन्होंने कहा कि गाय हमारे जीवन में बहुत महत्व रखती है, जिसको हम अपने जीवन में समिलित कर लेते हैं, उनकी माता हमारी माता हो जाती है। जिस तरह से ससुराल में जाने के बाद पति की मां ही पत्नी की भी मां बन जाती है। हमारा संबंध सनातन से हैं, इसलिए हम गाय को ही माता मानते हैं।

उन्होंने कहा कि जिन्होंने सनातन को माना है उनके लिए ही गाय माता है, लेकिन जो सनातन को नहीं मानते हैं उनके लिए गाय पशु है। हमारे शास्त्र, ग्रंथ व पुराण कहते हैँ कि हमारे पूर्वज भी गाय को पूजते थे। इसलिए घर में पहली रोटी गाय की लगती है। जो गाय के प्रति दृढ़ भक्ति रखता है वह हिंदू है। पूर्वजन्म व पुनर्जन्म को मानता है वह हिंदू है। ब्रह्राजी ने हमारे जीवन के लिए गाय को बनाया है। गाय हमारा पालन करती है। छोटी होने पर गो मूत्र देती हैं। थोड़ा बड़ी होने पर गोबर देती है। इससे भी बड़ी होने पर बच्चा देती है और दूध देती है। जिससे व्यंजन बनते हैं।

उन्होंने बताया कि सूर्य भगवान की तीन किरणें बहुत महत्व रखती है। इसमें एक किरण प्रकाश देती है। एक आयु देती है। आयु नाम की किरण का लाभ बिना गाय के नहीं मिलता है। इसलिए लंबा जीवन जीना है तो हमें गाय को बचाना होगा। पृथ्वी सात खंबों पर टिकी है इसमें पहला खंबा गाय ने उठाया हुआ है। यदि गाय हिलती है तो पृथ्वी डगमगाने लगती है। रामायण काल के दौरान जब रावण ने विभीषण का अपमान किया तो वह अपनी गायों को लेकर लंका से निकल गए। गायों के जाते ही सब कुछ नष्ट हो गया। जहां गाय होती हैं वहां धन धान्य की कमी नहीं होती है।