Alwar भगवान श्रीराम की निकली बारात, झांकियों ने मोहा मन
बाली ने सुग्रीव को राज्य से निकाला : रामलीला समिति तांगा स्टैंड पर चल रही रामलीला में मंगलवार को शिव पूजन, सुग्रीव का राज्य निष्कासन व श्रवण लीला का मंचन किया गया। रामलीला का शुभारंभ बाली व सुग्रीव की स्तुति से हुआ। मंच पर दिखाया गया कि एक उत्पाती मायावी राक्षस आता है। बाली व सुग्रीव के पीछे जाते हैं। मायावी राक्षस का एक गुफा में प्रवेश करता है। एक माह इंतजार पर भी बाली के वापस ना आने पर सुग्रीव लौट कर राज्य में आते हैं। उन्हें राजा बना दिया जाता है। बाली लौटने पर क्रोधित होते है और सुग्रीव को राज्य से निकाल देते है और स्वयं राजा बनकर राज्य चलाते है। इसी तरह राजा दशरथ हिंसक जानवरों को मारने के लिए निकलते हैं और श्रवण को भी कोई जंगली जाना समझ कर शब्दभेदी बाण द्वारा मार देते हैं। दुखी माता पिता दशरथ के सामने प्राण त्यागने से पूर्व श्राप देते है।
नारद ने दिया भगवान विष्णु को श्राप
राजर्षि अभय समाज के रंगमंच पर दूसरे दिन रामलीला में नारद मोह की लीला का मंचन हुआ। जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। कथा में नारद की तपस्या को भंग करने के लिए इंद्र ने कामदेव को भेजा, लेकिन नारद विजयी हुए। इसके बाद विष्णु भगवान ने नारद के घमंड को खत्म करने के लिए माया रची और उन्हें बंदर का मुखड़ा लगा दिया, जिससे नारद क्रोधित होकर विष्णु को श्राप देते हैं, जो राम जन्म का कारण बनता है। नारद की भूमिका में वेदप्रकाश शर्मा और हास्य भूमिका में मनोज गोयल और हरीश ने अभिनय किया।