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Alwar देश के कई हिस्सों में प्याज की आपूर्ति कर रहा, जनता को महंगाई की मार

 
Alwar देश के कई हिस्सों में प्याज की आपूर्ति कर रहा, जनता को महंगाई की मार
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर भले ही अलवर की लाल प्याज का स्वाद देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक पसंद किया जा रहा हो लेकिन अलवर समेत प्रदेश के कई जिलों के लोग इस प्याज का स्वाद इस सीजन में नहीं ले पा रहे हैं। पूरी प्याज बाहर जा रही है। स्थानीय प्याज की आवक से जनता को लगा था कि जेब पर भार कम होगा। थाली में प्याज दिखेगी। तड़का भी ठीक लगेगा। रसोई का बजट सुधरेगा लेकिन ऐसा कम हुआ। यही कारण है कि बाजार में आज भी प्याज 60 रुपए किलो तक बिक रहा है। यही हाल प्रदेश के अन्य जिलों का भी है।

पिछले दो दिन के आंकड़ों पर गौर करें तो मंडी में करीब 2 लाख कट्टे प्याज के पहुंचे। अधिकांश कट्टे प्याज के दूसरे प्रदेशों में भेजे गए। इसके लिए बाकायदा ट्रांसपोर्ट कंपनियों के ट्रक बुक किए गए। स्थानीय व्यापारियों ने भी प्याज खरीदी लेकिन भाव अधिक होने के चलते अधिक दिलचस्पी नहीं दिखाई। यही कारण है कि प्याज की आवक प्रदेश की मंडियों में कम रही। इस सीजन में 4.20 लाख प्याज के कट्टे पहुंचे हैं। यानी 45 हजार क्विंटल प्याज आई। ये प्याज पूरे प्रदेश में ही रहती तो प्याज के मूल्य 15 से 20 रुपए किलो तक आ सकते थे लेकिन रिटेल में प्याज के रेट 60 रुपए किलो तक हैं। हालांकि थोक भाव भी 40 से 50 रुपए किलो में हैं जो काफी बताए जा रहे हैं। रेस्टोरेंट व होटलों में सलाद से प्याज काफी समय से गायब है। यहां होती है प्याज की पैदावार: प्याज का इस बार रकबा 22 हजार हेक्टेयर रहा, जो पिछले साल की अपेक्षा कम रहा। प्याज उमरैण, तिजारा, रामगढ़, कोटपूतली, कोटकासिम, बहरोड़ एरिया में बहुतायत में होती है। यहां के किसान प्याज के दम पर अपना परिवार चलाते हैं। इस बार प्याज के रेट उन्हें सही मिल रहे हैं।

अलवर जिले में लाल प्याज की आवक होने के बाद 150 से 200 ट्रक प्याज कोलकाता, ओडिसा, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, झारखंड, उत्तराखंड के अलावा बांग्लादेश व नेपाल भेजा जा रहा है। अरब देश भी अलवर की प्याज खरीदना पसंद करते हैं। आवक होने पर उन देशोें को भी प्याज भेजी जा सकती है। प्रदेश में जयपुर, अजमेर, उदयपुर, बाड़मेर आदि जिलों में भी प्याज यहां से जाती है लेकिन प्रदेश में मात्रा कम पहुंची जिसके चलते प्याज के रेट आसमान में हैं। जानकार कहते हैं कि इतनी प्याज आने के बाद रेट 20 रुपए किलो तक पहुंचने चाहिए थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।