Alwar मौनी अमावस्या पर कालसर्प और पितृ दोष निवारण के लिए बन रहा है सर्वोत्तम योग
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यह होता है काल सर्पदोष: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कालसर्प दोष जातक की कुंडली में ग्रहों की विशेष स्थिति में बनता है। कुंडली में राहु-केतु ग्रह कुंडली में 180 डिग्री पर आमने-सामने होते हैं और अन्य सभी ग्रह उनके दूसरी तरफ हो तो काल सर्प दोष बनता है। ज्योतिषाचार्य पंडित यज्ञदत्त शर्मा ने बताया कि जिन जातकों की कुंडली में काल सर्प दोष होता है, उन्हें प्रत्येक कार्य में विपरीत पिस्थतियों का सामना करना पड़ता है। इस दोष के निवारण के लिए मौनी अमावस्या पर उपाय का विधान है।
मान्यता है कि पाप मिट जाते हैं: शास्त्रों में मौनी अमावस्या पर पवित्र नदियों आदि में स्नान करने का उल्लेख है। इससे पापों से मुक्ति मिलती है और ग्रह दोषों से भी मुक्ति मिलती है। इसी के चलते इस दिन श्रद्धालु पवित्र नदियों के साथ गांवों व शहरों की नदियों, तालाबों आदि में जाकर स्नान करेंगे और प्रभु से खुशहाली की प्रार्थना करेंगे। कई लोग घरों में ही तर्पण आदि करेंगे।
पितृ देवों के नाराज होने पर होता है-पितृ दोष
मान्यताओं के अनुसार पितृ दोष बनने का कारण पितृ देवों का नाराज होना है। यह दोष होने पर कुंडली में ग्रहों की स्थिति बेहतर होने, गोचर अच्छा होने व दशा ठीक होने पर भी परिणाम सकारात्मक नहीं आते हैं। ऐसे में मौनी अमावस्या पर लोग पितृ दोष निवारण के लिए जलाशयों के तट पर स्नान करने के साथ तर्पण व पिंडदान आदि धार्मिक अनुष्ठान करेंगे।