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Alwar स्वास्थ्य सेवाओं को ठीक करने की जरूरत, मरीज परेशान

 
Alwar स्वास्थ्य सेवाओं को ठीक करने की जरूरत, मरीज परेशान 
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर  भले ही सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लाख दावे करे, लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है। हालात यह है कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में मरीजों को सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए भी शहर आना पड़ रहा है। वहीं, बहुत से मरीज निजी अस्पतालों का भी रुख कर रहे हैं। इससे मरीजों पर आर्थिक भार भी बढ़ रहा है।

90 चिकित्सकों के पद रिक्त

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सहित जिले की सीएचसी व पीएचसी पर कुल 302 चिकित्सकों के पद स्वीकृत है। इसमें से 212 चिकित्सक पद स्थापित है, जबकि 90 चिकित्सकों के पद रिक्त चल रहे हैं। इसमें से लगभग सभी रिक्त पद ग्रामीण क्षेत्रों के चिकित्सा संस्थानों के हैं।

इन चिकित्सा संस्थानों पर नहीं है चिकित्सक

मसारी, टिटपुरी, गारू, सौंख, बड़का, सोराई, मालपुरा, चांदोली, पड़ीसल, ककराली, जामडोली, खो दरीबा पीएचसी, मोतीवाड़ा व राजगढ़ पीएचसी, केसरोली, नांगलबानी, अजबपुरा, गढ़ी महमूद, मुंडावरा, सिली बावड़ी, झिरी, अंगारी व गढ़ बसई आदि चिकित्सा संस्थानों पर चिकित्सक नहीं है। आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए हमारी ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए सभी चिकित्सा संस्थानों पर पर्याप्त चिकित्सक उपलब्ध कराने के लिए हमारी ओर से हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। पुराने अलवर जिले में कुल 85 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (पीएचसी ) संचालित हैं। इनमें से 61 पीएचसी पर चिकित्सक नियुक्त है। जबकि 24 पीएचसी पर चिकित्सक ही नहीं है। इसके कारण मरीजों को सामान्य बीमारी के लिए भी या तो शहर आना पड़ता है अथवा निजी सेंटर्स पर फीस देकर इलाज कराने को मजबूर होना पड़ रहा है।