Aapka Rajasthan

Alwar हनुमानजी की प्रतिमा का दिल्ली से मंगाए फूलों से किया श्रृंगार, गूंजता रहा सीताराम

 
Alwar हनुमानजी की प्रतिमा का दिल्ली से मंगाए फूलों से किया श्रृंगार, गूंजता रहा सीताराम

अलवर  न्यूज़ डेस्क, सरिस्का के जंगलों में स्थित ऐतिहासिक धार्मिक स्थल पांडुपोल हनुमानजी महाराज कोतीन दिवसीय लक्खी मेले में मंगलवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालु बसों से मेला स्थल पर पहुंचे। श्रद्धालुओं ने बाबा की प्रतिमा के समक्ष माथा टेक मनौती मांगी। इस बीच शहर में भी कई हनुमान मंदिरों पर मेले जैसा माहौल रहा। इस बार प्रशासन ने निजी वाहनों को सरिस्का गेट के बाहर ही रोक दिया। लोग रोडवेज की बसों से ही यात्रा करते नजर आए। वहीं कुछ यात्रियों का कहना था कि रोडवेज कर्मचारी ने यात्रियों से मनमाना किराया वसूला। अलवर के भूगोर निवासी राजकुमार से अलवर से पांडुपोल तक का किराया 60 रुपए वसूल किया।

जबकि राज्य सरकार ने मेले के अवसर पर यात्रियों से 50% किराया वसूल करने के निर्देश दिए गए थे। मत्स्य नगर आगार की मुख्य प्रबंधक सपना मीणा ने बताया कि मुझसे किसी ने शिकायत नहीं की है। अधिक किराया वसूल किया भी नहीं जा सकता। टिकट काटने की मशीने हैं। अलवर से पांडुपोल तक का किराया 31 रुपए है और सरिस्का गेट से चलने वाली बस का पांडुपोल तक का किराया 11 रुपए ही था। फिर भी अगर गलत हुआ है तो कार्रवाई करेंगे।

बाजारों में से निकाली कलश यात्रा

शहर में गणेश चतुर्थी के पर्व पर मंगलवार गणेश मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना हुई। मुख्य कार्यक्रम होपसर्कस के समीप गणेश मंदिर में हुआ। इस मौके पर गणपति उत्सव के लिए विभिन्न स्थानों पर और घरों में विधि विधान से भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की गई। राजर्षि अभय समाज, मेहताब सिंह का नौहरा स्थित जयवीर हनुमान मंदिर, तीजकी रोड स्थित हनुमान मंदिर, बडेरिया पाड़ी मोहल्ला स्थित अग्रवाल धर्मशाला, शिवाजी पार्क स्थित अन्य जगह गणपति महोत्सव शुरू किए गए। मंगलवार को रवि योग, कुमार योग, वैधृति योग, स्वाति नक्षत्र व विशाखा नक्षत्र के बीच घरों में गणपति की स्थापना की गई। गणपति महोत्सव के लिए विभिन्न स्थानों से कलश यात्रा निकाली गई। गणपति की स्थापना कर पूजा-अर्चना की गई। इन मंदिरों में हुए कार्यक्रम : होपसर्कस के समीप गणेश मंदिर में भगवान गणेशजी को मारवाड़ी पगड़ी पहनाई। सुबह 6.30 बजे आरती हुई। इसके बाद से श्रद्धालु पूजा अर्चना करने के लिए आने लगे। शाम 7 बजे आरती के बाद केक काटा गया।