Alwar आज घर-घर में होगी गणपति की पूजा, लगेगा लक्खी मेला

अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर ऐतिहासिक पांडुपोल हनुमान मंदिर पर लक्खी मेला मंगलवार को भरेगा। मेले में दूर- दूर से श्रद्धालु दर्शनों के लिए आएंगे। सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने हनुमानजी की पूजा अर्चना की। मंगलवार को सबसे पहले हनुमानजी की ज्योत देखी जाएगी और इसके बाद आरती होगी। फिर देर शाम को आरती के बाद श्रद्धालु रात्रि को मंदिर परिसर में रहकर अगले दिन सुबह पूजा अर्चना करेंगे।पांडुपोल हनुमान मेले के अवसर पर अलवर शहर सहित जिले भर में हनुमान मंदिरों और घरों में हनुमानजी की ज्योत देखी जाएगी। घरों में दाल बाटी चूरमा का भोग लगाया जाएगा। इस अवसर पर अलवर शहर के सभी हनुमान मंदिरों में प्रतिमाओं को राम नाम का चोला चढ़ाया जाएगा।
भाद्रपद मास की चतुर्थीं मंगलवार को जिले भर में गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। इस अवसर पर घरों में गणपति की स्थापना की जाएगी। वहीं घरों व मंदिरों में भगवान गणेश की पूजा अर्चना कर मोदक का भोग लगाया जाएगा। शहर के प्रमुख गणेश मंदिर पुराना कटला गणेश मंदिर, लाल दरवाजा गणेश मंदिर, लाल डिग्गी गणेश मंदिर, त्रिपोलिया स्थित गणेश मंदिर आदि में महाआरती की जाएगी और मोदकों का भोग लगाया जाएगा। शहर में अलग- अलग मंडलों की ओर से गणपति महोत्सव के आयोजन किए जाएंगे। जिसमें गणपति की स्थापना कर प्रतिदिन शाम को भक्तिमय सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। गणेश चतुर्थी ं के चलते शहर के गणेश मंदिरों में विराजमान प्रतिमाओं का विशेष् श्रृंगार किया गया है और मंदिरों में भी रंग बिरंगी रोशनी की गई है।
भर्तृहरि धाम पर लक्खी मेला 21 से, सजी दुकानें
जिले में प्रसिद्ध भर्तृहरि धाम पर लक्खी मेलों के आयोजन को लेकर जहां प्रशासन ने सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद की है तो सामाजिक संगठनों की ओर से भी श्रद्धालुओं की सेवाओं के लिए जगह-जगह भंडारे, शरबत व ठंडे जल की प्याऊ सहित अन्य व्यवस्थाएं सुचारू की हुई है। मेला स्थलों पर भी दुकानें सजने लगी है। बाबा भर्तृहरि के मेले के दौरान मालाखेड़ा क्षेत्र में दर्जनों स्थानों पर भंडारे, प्याऊ, छाया-पानी की व्यवस्था धर्म-प्रेमी करते हैं। लगातार करीब चार दिन तक यह सेवा रात दिन जारी रहती है। बाबा भर्तृहरि का मेला 21 सितंबर से विधिवत रूप से शुरू होगा। इससे पहले ही श्रद्धालु इन दोनों ही धार्मिक स्थलों पर पहुंच रहे हैं। बाबा भर्तृहरि के मेले स्थल पर दुकानें सज गई। दुकानदार मूसल, चकला-बेलन तथा विभिन्न प्रकार के सिंदूर, चूड़े व अन्य सामग्री लाकर दुकानें सजा रहे हैं।