Alwar लोकसभा टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व सांसद डॉ. करण सिंह ने छोड़ी कांग्रेस
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर से दो बार सांसद रहे डॉ. करण सिंह ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। करण सिंह वाट्सएप के जरिए अपना इस्तीफा पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा को भेजा है। डॉ. करण सिंह यादव ने पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह पर उनकी राजनीति खत्म करने के आरोप लगाए। करण सिंह अलवर लोकसभा की टिकट ललीत यादव को देने से नाराज थे। डॉ. करण सिंह ने कहा कि पार्टी राजा-महाराजाओं के चंगुल में चली गई। अलवर के फूल बाग से पार्टी चलती है। सारे निर्णय जितेंद्र सिंह लेते हैं। इस बार सांसद के प्रत्याशी के रूप में आम जनता की सर्व मांग पर मैं प्रत्याशी था। ऐसे में ऊपर जाकर मेरे खिलाफ प्रचार करके मेरी टिकट कटवा देना, इस बात का मुझे भारी दुख है। आदमी को दुख होता है जब 25 साल पुरानी पार्टी को छोड़ता है।
डॉ. करण सिंह ने कहा मुझे ED का कोई डर नहीं है। करण सिंह के घर 4 पैसा नहीं है। एक राशन किट से ज्यादा सामान नहीं मिले। किस बात का डर। सारी उम्र प्रैक्टिस की है। जीते हैं तो एमएलए, एमपी की पेंशन मिलती है। सरकारी नौकरी की पेंशन मिलती है। 2 लाख पेंशन के हो जाते हैं। उससे गुजारा अच्छा चल जाता है। जिनके पास पैसे हैं उनका ईडी का भय होगा। कांग्रेस पार्टी के निर्णय से प्रभावित होकर नेता पार्टी छोड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जीत के लिए पार्टी को एक-एक सीट की जरूरत है। लगातार दो चुनाव में 25 में से 25 सीटें पार्टी खो रही थी। अलवर एक ऐसी सीट थी, जो कांग्रेस के पास आनी चाहिए थी। मेरा अधिकार छीन करके किसी और को टिकट दे देना, निश्चित तौर पर पार्टी का बहुत ही घातक कदम है। इसी कारण से मैंने त्यागपत्र दिया है। भाजपा में जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि एक-दो दिन के अंदर सामने में आ जाएगा। साथियों से मिलकर फैसला करेंगे। बसपा में जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बसपा में क्यों नहीं जा सकता, मायावती बहुत प्रभावशाली नेता रही है। उनकी नीतियों का मैं शुरू से प्रशंसक रहा हूं।