Alwar नींद में है मत्स्य विश्वविद्यालय, अब नए नियमों से बंधी उम्मीद
![Alwar नींद में है मत्स्य विश्वविद्यालय, अब नए नियमों से बंधी उम्मीद](https://aapkarajasthan.com/static/c1e/client/91529/uploaded/1a3d3f84320099fd524462ea273422dd.webp?width=968&height=500&resizemode=4)
अब नए नियम करेंगे राह आसान
पीएचडी में दाखिले लिए अब अलग-अलग विश्वविद्यालयों के चक्कर नहीं लगाने होंगे, बल्कि यूजीसी नेट (नेशनल एलिजबिलिटी टेस्ट) के जरिए पीएचडी में भी दाखिला मिलेगा। यूजीसी ने शोध से जुड़ी गतिविधियों को एक प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए ये पहल की है। इसके लिए नोटीफिकेशन भी जारी कर दिया है, जो शैक्षणिक सत्र 2024-25 से देश के सभी विश्वविद्यालयों में प्रभावी होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) को लागू करने की प्रक्रिया में नेट के प्रावधानों की समीक्षा के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था। इस समिति की सिफारिश के बाद यह निर्णय लिया गया है। नए शैक्षणिक सत्र में छात्र पीएचडी में दाखिला पाने के लिए नेट स्कोर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
अलवर के छात्रों को मिलेगी राहत
नए नियमों से अलवर जिले के विद्यार्थियों को राहत मिलेगी। पांच साल से एंट्रेस टेस्ट नहीं होने से विद्यार्थी परेशान थे, नए नियमों से अब वे यूजीसी नेट के जरिए पीएचडी कर सकेंगे। अलवर ही नहीं देशभर में कई ऐसे विश्वविद्यालय हैं, जहां पीएचडी प्रवेश परीक्षा समय पर नहीं हो पा रही है। यूजीसी के इस निर्णय से एक ही टेस्ट के माध्यम से जेआरएफ, नेट एवं पीएचडी में प्रवेश पा सकेंगे। विश्वविद्यालय को एंट्रेंस एग्जाम कराने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। दूसरी ओर नए नियमों से पीएचडी में दाखिला लेने के लिए नेट परीक्षा में अच्छा स्कोर करना होगा।