Alwar खसरा एवं रूबेला टीकाकरण में प्रदेश में जिला 34वें स्थान पर, सलूम्बर अव्वल
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दो बार होता है टीकाकरण: खसरा और रुबेला से बचाव के लिए बच्चों का दो बार टीकाकरण किया जाता है। इसमें से पहला टीका बच्चे के जन्म के बाद नौ माह की आयु में लगाया जाता है। जबकि दूसरा टीका 16 माह आयु पर बच्चे का लगाया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार खसरा और रुबेला की बीमारी खासतौर से बच्चों में पाई जाती है। वहीं, संक्रामक होने से एक बच्चे से दूसरे बच्चे में आसानी से फैलती है। इसमें सांस की नली, नाक और फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं। इसके साथ ही शरीर पर लाल रंग के चकते और आंखों से पानी आने लगता है। वहीं, मुख्य रूप से यह रोग वसंत ऋतु में सबसे अधिक फैलता है। ऐसे में बीमारी से बचाव के लिए बच्चों का टीकाकरण जरूरी है।
अलवर जिले की यह स्थिति : पुराने अलवर जिले में साल साल 2022 में खसरा और रुबेला के कुल 78 रोगी मिले थे। इसमें से 54 रोगी अलवर जिले और 34 मरीज तिजारा व खैरथल में मिले थे। जबकि साल 2023 में अलवर जिले में खसरा और रुबेला के 15 सैंपल लिए गए थे। इसमें से कोई भी पॉजिटिव मरीज नहीं मिला। जबकि किशनगढ़बास में 2 मरीज पॉजिटिव मिले थे। वहीं, स्वास्थ्य विभाग कीे ओर से अलवर जिले में गत वर्ष 51 हजार 994 बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसमें से 43 हजार 321 बच्चों का टीकाकरण किया जा चुका है। इसमें इस साल जनवरी में 2759 बच्चों का टीकाकरण किया गया।