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Alwar कांग्रेस भी आज फिर बैठक कर यादव को बीजेपी के भूपेन्द्र के सामने उतारने की तैयारी में

 
Alwar कांग्रेस भी आज फिर बैठक कर यादव को बीजेपी के भूपेन्द्र के सामने उतारने की तैयारी में

अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर मंगलवार को दिल्ली में हुई कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में राजस्थान की सभी सीटों के साथ अलवर सीट से उम्मीदवार के नाम पर चर्चा हुई. हालांकि देर शाम तक कोई सहमति नहीं बन पाई। अब बुधवार को दोबारा बैठक होगी. इसमें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंघावा और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली शामिल होंगे. इसमें प्रमुख तीन नामों को 7 मार्च को होने वाली कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में रखा जाएगा. इसी दिन उम्मीदवार के नाम पर अंतिम मुहर लगेगी. अलवर सीट से कांग्रेस किसी यादव या ब्राह्मण उम्मीदवार को मैदान में उतार सकती है.

अभी तक तिजारा के पूर्व विधायक संदीप यादव, मुंडावर विधायक ललित यादव और पूर्व सांसद डॉ. करण सिंह यादव का नाम यादव प्रत्याशी के रूप में चल रहा है. इनमें संदीप यादव का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है. सूत्रों का कहना है कि पहली प्राथमिकता यादव जाति से उम्मीदवार खड़ा करना है, लेकिन अगर पार्टी गैर-यादव पर फैसला लेती है तो किसी ब्राह्मण पर भी दांव खेला जा सकता है. स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में कांग्रेस जिला अध्यक्ष योगेश मिश्रा के नाम पर भी चर्चा हुई.

अलवर लोकसभा क्षेत्र में आने वाली 8 विधानसभा सीटों में से 5- अलवर ग्रामीण, राजगढ़, रामगढ़, मुंडावर और किशनगढ़बास-खैरथल सीट पर फिलहाल कांग्रेस के विधायक हैं। केवल तीन सीटें अलवर शहर, बहरोड़ और तिजारा सीटें बीजेपी के पास हैं. हालांकि, बीजेपी ने भूपेन्द्र यादव को मैदान में उतारकर कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. कांग्रेस को मुकाबले के लिए जातीय समीकरण वाले उसी कद के बड़े नेता की जरूरत है. हाल ही में अलवर शहर में आयोजित कांग्रेस कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के सामने मांग की थी कि पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह को चुनाव लड़ना चाहिए. डोटासरा ने खुद भी कहा था कि वह देश में जहां भी जाती हैं लोग भंवर जितेंद्र सिंह को याद करते हैं. इतनी लोकप्रियता के बावजूद मुझे समझ नहीं आता कि वह अलवर से चुनाव क्यों हार गये? आपको बता दें कि पिछले दो चुनाव में जितेंद्र सिंह बीजेपी उम्मीदवार से 2.86 लाख और 3.29 लाख वोटों से हारे थे. लगातार दो चुनावों में हार और वर्तमान में दो राज्यों असम और मध्य प्रदेश के प्रभारी होने के कारण माना जा रहा है कि इस बार भंवर जितेंद्र सिंह चुनाव नहीं लड़ेंगे.