Alwar लिपिकों को वरीयता के आधार पर प्रोन्नति का लाभ देना होगा
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15 कर्मियों को लाभ देने को निकाली थी सूची : जिला परिषद अलवर की ओर से पिछले साल मार्च में इन लिपिकों की पदोन्नति सूची जारी की गई थी और अप्रेल तक स्थाई सूची जारी करनी थी, लेकिन जिला परिषद ने ऐसा नहीं किया। पिछले साल सितंबर में ही दूसरी अस्थाई पदोन्नति सूची जारी की, जिसमें वर्ष 2014 में अनुकंपात्मक आधार पर नियुक्त हुए 15 लिपिकों को पदोन्नति का लाभ देने के लिए वर्ष 2013 में नियुक्त हुए 400 लिपिकों को उनसे जूनियर बना दिया गया।
इस तरह आदेश हवा में उड़ाए: इसी आदेश को लेकर 2013 में लगे लिपिक पहले पंचायती राज आयुक्त से मिले। पंचायती राज आयुक्त ने दो दिन बाद ही पूरी पदोन्नति सूची को निरस्त करते हुए जिला परिषद अलवर को नए सिरे से सूची जारी करने के आदेश दिए और सरकार के नियमों की गलत व्याख्या कर उच्च अधिकारियों से ऐसे गलत आदेश जारी कराने वाले कर्मचारियों पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए लेकिन परिषद ने ये आदेश हवा में उड़ा दिए। उसके बाद कर्मचारी रैट के द्वार पहुंचे। पंचायती राज के लिपिक तेजपाल चौधरी, पुष्पेंद्र मीणा आदि ने याचिका दायर की। वहां से परिषद की सूची को गलत माना और वरिष्ठता के आधार पर ही सूची बनाकर लिपिकों को लाभ देने के आदेश दिए हैं। इससे परिषद के पूर्व अफसरों को झटका लगा है।