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Alwar केंद्रीय अंतरिम बजट किसी को पसंद आया तो किसी को किया निराशा

 
Alwar केंद्रीय अंतरिम बजट किसी को पसंद आया तो किसी को किया निराशा
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर  केंद्र सरकार अंतरिम बजट किसी को भाया तो किसी को निराशा हाथ लगी। हालांकि सरकार ने बजट जारी करते हुए कह दिया कि दो माह बाद सरकार बनने पर जनता की और आस पूरी की जाएगी। इस बजट को सत्तापक्ष व तमाम लोगों ने बेहतर माना। वहीं विपक्ष ने जनविरोधी बताया। अलवर में हर साल केंद्र सरकार 100 प्रधानमंत्री आवास बनाती है। इस बार भी यही उम्मीद है कि इतने ही आवास जिले में बन सकेंगे। महिलाओं को स्वरोजगार मुहैया कराने के लिए लोन आदि की सुविधा और मिलेगी। इसके अलावा नौजवानों को नवाचारों में बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकारी संस्थानों में संसाधन आदि मुहैया कराने की उम्मीद नजर आ रही है। मत्स्य विश्वविद्यालय को बजट मिल सकता है। किसानों को कृषि यंत्र से लेकर खाद-बीज आदि पर सब्सिडी मिलती रहेगी। अंतरिम बजट होने के चलते सीधे किसी जिले के लिए विशेष घोषणा नहीं की। टैक्स का प्रकार भी पुराना ही है। 15वें वित्त आयोग की राशि हो या फिर जल जीवन मिशन योजना। ये चलती रहेंगी। इसमें कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई।

महिलाओं को सशक्त बनाया

वित्त मंत्री ने बजट में महिलाओं को सशक्त बनाया है। सर्वाइकल कैंसर रोकने के लिए 9 से 14 साल की बालिकाओं का टीकाकरण अच्छी पहल है, लेकिन महंगाई से राहत के लिए कोई घोषणा नहीं हुई है। सामान्य वर्ग की महिलाएं रसोई गैस, पेट्रोल, राशन , दाल आदि में कमी की उम्मीद कर रही थी जो पूरी नहीं हुई है।

योजना को बढ़ाने के प्रयास अच्छे

बजट में तीन तलाक को गैर कानूनी घोषित किया है। लखपति दीदी योजना को बढ़ाने के प्रयास अच्छे हैं। बालिकाओं को सर्वाइकल कैंसर से लड़ने के लिए टीकाकरण किया जाना अच्छी घोषणा है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं हुई है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका को आयुष्मान भारत में स्वास्थ्य सुविधा देना अच्छी घोषणा है।

विकसित भारत की ओर कदम बढ़ाएंगे

नौकरीपेशा वर्ग को इस बार इनकम टैक्स स्लैब में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं करके कोई राहत नहीं दी है, हालांकि पूर्ण बजट में ये बात सामने आएगी। तीन रेलवे आर्थिक कॉरिडोर भी विकसित किए जाएंगे जो विकसित भारत की ओर कदम है।कड़कड़ाती ठंड में देशवासियों की उम्मीदों पर ठंडे पानी के छीटें मारने वाला यह बजट देश की ज्वलंत समस्याओं के समाधान की दिशा में नहीं बनाया गया। देश महंगाई और बेरोजगारी का दंश झेल रहा है। अस्पष्ट भाषा वाला यह बजट केवल आकडों की बाजीगरी है। जनता ठगी महसूस कर रही है