Alwar भामाशाह ने सरकारी स्कूलों को दिए 1.38 करोड़ रुपए
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स्कूल की मूलभूत आवश्यकता इस राशि से होती है पूरी : भामाशाहों की तरफ से दी जाने वाली राशि से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पर्याप्त संख्या में कक्षा-कक्ष, खेल मैदान, फर्नीचर, खेलकूद सामग्री, विद्युत, स्वच्छ पेयजल, शौचालय सुविधा व कम्प्यूटर की उपलब्धता नहीं होती है। ऐसी स्थिति में भामाशाहों की ओर से मिलने वाली राशि का उपयोग करके स्कूल में सुख-सुविधाओं को विस्तार किया जाता है, जिससे स्कूल में पढ़ाई के लिए आने वाले विद्यार्थियों को कोई परेशानी नहीं हो।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार ज्ञान संकल्प पोर्टल में डोनेट टू ए स्कूल योजना के माध्यम से दानदाता देश में कहीं से भी स्कूल की सुविधाओं के विकास के लिए दान दे सकते हैं। इसकी शुरुआत 6 अगस्त 2017 को की गई थी। इस योजना में दान करने वालों को टैक्स में भी छूट मिलती है। अगर भामाशाह या दानदाता राशि के स्थान पर स्कूलों में विकास कार्य कराना चाहते हैं तो इसकी सुविधा भी इस योजना में मिलती है। सरकारी स्कूलों में दानदाताओं की ओर से मिलने वाली राशि का उपयोग स्कूलों में सौंदर्यकरण और सुविधाओं के लिया जाता है। ये राशि सीएसआर फंड की होती है। कार्यकारी एजेंसी ही स्कूल में निर्माण कार्य करवाया सकती है।