Alwar भैसड़ावत दुग्ध समिति बंद, जांच के लिए जयपुर से टीम गई
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर सरस डेयरी में गोविंदगढ़ के पास भैसड़ावत सरस दुग्ध समिति को बंद हुए दो साल हो गए है। इसके बाद भी कागजों में भैसड़ावत के नाम से हर दिन 1500 से 2000 लीटर दूध सरस डेयरी में पहुंचाया जा रहा था।इस मामले की जांच करने गुरुवार को जयपुर से टीम पहुंची। यहां एमडी से चर्चा करने के बाद टीम ने जांच की। यह मामला डेयरी चेयरमैन विश्राम गुर्जर ने उठाया था। वहीं चेयरमैन ने डेयरी चेयरमैन की ही शिकायत की।
दो साल से भैसड़ावत में सरस समिति बंद
कुछ दिन पहले डेयरी के चेयरमैन विश्राम गुर्जर ने भैसड़ावत में सरस समिति के बंद होने के बावजूद वहां के नाम से दूध सप्लाई होने की शिकायत दी थी। शिकायत में बताया कि अलवर शहर में हनुमान सर्किल पर दुग्धपालकों से दूध लेकर सरस डेयरी में भैसड़ावत समिति के नाम से भेजा जाता था। यह खेल करीब 2 साल से चलता रहा है।
चेयरमैन की शिकायत लेकर आए डायरेक्टर
डायरेक्टर शिवलाल व डायरेक्टर प्रतिनिधि नीलेश खंडेलवाल सहित कई अन्य लोग डेयरी पहुंचे। एमडी को शिकायत दी कि भैसड़ावत की समिति बंद है लेकिन भैसड़ावत के पशुपालकों का दूध दूसरे तरीके से शहर के हनुमान सर्किल पर एकत्रित कर डेयरी में लाया जाता है।वहीं हनुमान सर्किल पर डेयरी चला रहे मुरारी लाल का कहना है- उसके यहां भैसड़ावत से दूध लाया जाता है। यह पहले से चला आ रहा है। उन्होंने आरोप लगा दिया कि यह काम करने के लिए पहले डेयरी चेयरमैन के पिता को पैसे भी दिए हैं लेकिन इसका कोई सबूत नहीं है।
डायरेक्टर गलत काम क्यों कराना चाहते?
मामले में डेयरी चेयरमैन विश्राम गुर्जर ने कहा- जब भैसड़ावत में दुग्ध समिति बंद है तो डायरेक्टर गलत काम क्यों कराना चाहते हैं। मेरे परिवार को पैसे देने के आरोप लगाते हैं तो सबूत दे दें या फिर इसकी शिकायत की जाए। मैं डेयरी में जब तक भी रहूंगा तब तक मिलावट और गलत काम होने से रोकूंगा। इस समिति की 6 महीने पहले से शिकायत करता आ रहा हूं।विभाग के मंत्री व अफसरों को लिखित में शिकायत दी है। बाहर लोगों को डेयरी पर हस्तक्षेप है, जो डेयरी में कुछ नहीं है वे अंदर आकर मीटिंग करते हैं। जिससे साफ जाहिर है कि बाहर के लोगों का अधिक हस्तेक्षप हो गया। मेरी चलती तो इतना सब कुछ नहीं होने देता।