Alwar बीएड कॉलेजों में स्थाई स्टाफ नहीं, वेबसाइट पर डाटा अपलोड नहीं
दस साल से चल रहा खेल, विवि ने नहीं लिया कोई एक्शन : विश्वविद्यालय और बीएड कॉलेजों की सांठ-गांठ होने की वजह से अब तक विश्वविद्यालय ने कॉलेजों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है। सबद्धता के लिए बीएड़ कॉलेजों ने छह महीने की मोहलत मांगी है। बताया जाता है कि पिछले 10 साल से बीएड कॉलेज विश्वविद्यालय से छह माह की मोहलत मांगते आ रहे हैं और बाद में कोई भी दस्तावेजों को जमा नहीं करवाता है। ऐसे में विश्वविद्यालय के अधिकारी और कर्मचारी कार्रवाई के नाम पर लीपापोती कर रहे हैं।
प्रदेश के बाहर गुजरात, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के सभी बीएड कॉलेजों में एनसीटीई के अनुसार सबद्धता देने के साथ ही विश्वविद्यालय की ओर से स्टाफ-प्राचार्य का अप्रूव दिया जाता है। साथ ही विश्वविद्यालय सभी कॉलेजों को लेटर जारी करता है, लेकिन ऐसा यहां नहीं हो रहा है। स्टाफ अप्रूव नहीं होने पर विश्वविद्यालय की ओर से अन्य राज्यों में 60 हजार रुपए और प्राचार्य अप्रूव नहीं होने पर एक लाख 20 हजार रुपए का जुुर्माना वूसला जाता है।
बीएड कॉलेजों ने सबद्धता लेने के दौरान छह महीने में स्टाफ और अन्य जानकारी सांझा करने के लिए प्रमाण-पत्र दिया है। जिन्होंने विश्वविद्यालय को दस्तावेज भेजे हैं, उनका डेटा वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। अगर दस्तावेजों को नहीं अपलोड करते हैं तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।