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Alwar बलजीत और संदीप ने सुलझाया समीकरण, अब राठ तय करेगा जीत-हार

 
Alwar बलजीत और संदीप ने सुलझाया समीकरण, अब राठ तय करेगा जीत-हार

अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर विधानसभा चुनाव में तिजारा की तरह लोकसभा के चुनाव में अलवर हॉट सीट बन गई है। यहां से केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को पहली बार टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने मुंडावर विधायक ललित यादव सामनेयुवा चेहरे को उतारा है। एक युवा और दूसरा अनुभवी। अब तक नामांकन जमा होने तक अलवर लोकसभा सीट की राजनीति में कई उतार चढ़ाव आ चुके हैं। आगे भी आने की संभावना है। जैसे ललित यादव को टिकट मिलने के बाद पूर्व सांसद व कांग्रेस नेता डॉ करण सिंह नाराज हुए। अचानक जिला प्रमुख बलवीर छिल्लर भी उनके साथ कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में चले गए। तब कांग्रेस को लगा था नुकसान हो सकता है। लेकिन नामांकन जमा होने के आखिरी दिन बहरोड़ के पूर्व विधायक बलजीत यादव व तिजारा के पूर्व विधायक संदीप यादव कांग्रेस के मंच पर आ गए। बलजीत पिछली बार निर्दलीय विधायक थे। वहीं संदीप बसपा से जीतकर कांग्रेस में गए थे। लेकिन लोकसभा चुनाव में संदीप को टिकट नहीं मिलने से वे नाराज थे। लग रहा था बीजेपी में जा सकते हैं। लेकिन उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से बातचीत कर आखिर कांग्रेस में ही रहे। जिससे अब तय हो गया कि अलवर सीट पर कड़ा मुकाबला है।

हार-जीत राठ के हाथ में

असल में राजनीति के जानकारों का मानना है कि इस बार हार-जीत राठ क्षेत्र तय करेगा। खासकर मुंडावर व बहरोड़। यहां से जो नेता जीतकर जाएगा। उसके जीतने के चांस अधिक हैं। लेकिन इस बार राठ की एक आवाज नहीं है। मुंडावर विधायक ललित यादव स्थानीय हैं। वहीं बीजेपी प्रत्याशी भूपेंद्र यादव पहली बार अलवर से चुनाव लड़ रहे हैं। वे मूलरूप से हरियाणा के हैं। वहीं अजमेर में उनकी पढाई लिखाई हुई है। इस कारण कांग्रेस उनको बाहरी बताती है। वहीं बीजेपी के नेता मोदी की गारंटी पर चुनाव मैदान में हैं। वे हर समय कहते हैं कि अलवर से 40 साल से जुड़ा हुआ हूं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी लेकर चुनाव लड़ने आया हूं।

अब जनता के हाथ में फैसला

अब वोटर के हाथ में फैसला है। असल में राठ का वोट बराबर बंटता है तो चुनाव भी बराबर मुकाबले का होगा। राठ से एक तरफ वोट जाता है तो चुनाव परिणाम में हार-जीत का अंतर भी अधिक रह सकता है। इससे पहले के दो बार के चुनाव परिणाम चौकाने वाले रहे थे। पिछली बार सबसे अधिक वोट से महंत बालकनाथ जीते थे। जिनकाे राठ से रिकॉर्ड बढ़त मिली थी। जो कहीं भी कांग्रेस तोड़ नहीं पाई थी। अकेले मुंडावर व बहरोड़ से करीब 1 लाख 80 हजार वोटों की पिछली बार बीजेपी को बढ़त थी। इस बार यहां यादव बाहुल्य क्षेत्र में दोनों यादव प्रत्याशी होने के कारण वोट का बंटना तय माना जा रहा है। उसी आधार पर चुनाव का गणित भी बराबर का है।

बीजेपी के नेता 4 से 6 लाख से जिता रहे

बीजेपी के नेता 4 से 6 लाख वोट से अपने प्रत्याशी की जीत बताने में लगे हैं। वहीं कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि बीजेपी के नेताओं को असलियत पता है कि वे चुनाव हार रहे हैं। इसलिए बढ़ चढ़कर बोल रहे हैं। वरना जनता के बीच में जाकर पता कर लो। सच्चाई सामने आ जाएगी। इस बार आमजन का मन स्थानीय नेता के साथ है। यही वजह है कि राठ में वोट पूरी तरह से बंट रहा है। बाकी मेवात के इलाकों में भी बराबर की टक्कर रहने का अनुमान है। राजगढ़ में हमेशा कांग्रेस को बढ़त मिलती रही है। इस बार बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि राजगढ़ से जीतेंगे। जबकि कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि सबसे बड़ी बढ़त राजगढ़ से रहेगी। परिणाम के दिन सब चौंक जाएंगे।

बलजीत व संदीप के आने से कांग्रेस को फायदा

कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि पूर्व विधायक बलजीत यादव का कांग्रेस प्रत्याशी के साथ आने से बड़ा फायदा है। बहरोड़ में बलजीत का अपना वोट बैंक हैं। वो कांग्रेस के पक्ष में आएगा। विधानसभा चुनाव के वोटों का गणित लगाने पर ऐसा लगता भी है। लेकिन ये लोकसभा का चुनाव है। इसमें जनता का मूड तय होना बाकी है। वहीं पूर्व सांसद डॉ करण सिंह यादव व जिला प्रमुख बलवीर छिल्लर के बीजेपी में जाने से कांग्रेस को नुकसान भी हुआ है।