Aapka Rajasthan

Alwar सरिस्का में अभी 40 बाघ-बाघिन, विचरण के लिए कम होगा वन क्षेत्र

 
Alwar सरिस्का में अभी 40 बाघ-बाघिन, विचरण के लिए कम होगा वन क्षेत्र

अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर वर्ष 2005 में बाघविहीन हुए सरिस्का में आज बाघों की संख्या 40 पहुंच गई है। यह पर्यटकों के लिए खुशखबर है, क्योंकि उन्हें बाघ का दीदार आसानी से हो सकेगा, लेकिन बढ़ते बाघों की संख्या से आने वाले दिनों में टेरेटरी को लेकर शुरू होने वाली जंग को लेकर वन विभाग चिंतित है। करीब डेढ़ साल बाद पांच शावकों की उम्र डेढ़ से दो साल हो जाएगी। इसके बाद इन्हें परिवार से अलग कर दिया जाएगा। तब ये सभी अपनी टेरेटरी बनाएंगे और जो मजबूत होगा वो बचेगा, जो कमजोर पड़ेगा उसे जाना पड़ेगा। अभी सरिस्का में 15 शावक हैं। ये मेल हैं या फीमेल, इसका पता डेढ़ साल के बाद चलता है।

इसलिए होती है इलाके को लेकर लड़ाई : सरिस्का टाइगर रिजर्व करीब 1213 वर्गकिमी में फैला है। एक बाघ की टेरेटरी करीब 50 वर्गकिमी होती है। लेकिन यह तभी संभव है, जब यह इलाका उसके अनुकूल हो। नहीं तो वह इस टेरेटरी के बाहर भी चला जाता है। टेरेटरी अनुकूल नहीं होने की वजह से अभी दो बाघ सरिस्का की टेरेटरी के बाहर घूम रहे हैं। एक बाघ की टेरेटरी में दो बाघिन रह सकती है। कोई दूसरा बाघ होता है तो दोनों के बीच जंग होती है और कई बार यह जंग मौत के मुकाम तक पहुंचती है।

पारिवारिक नहीं होते हैं बाघ: बाघ एक पारिवारिक प्राणी नहीं है। टेरेटरी में आने पर यह अपने बच्चे को भी मार देता है। कई वयस्क बाघ अपने से छोटे बाघों को अपनी टेरेटरी से भगा भी देते हैं, लेकिन जब ये छोटे बाघ वापस लौटते हैं तो बड़े बाघों को मारने से भी गुरेज नहीं करते हैं। 45 पहुंच गई थी संख्या : ऐसा पहली बार नहीं है, जब बाघों की संख्या 40 पहुंची हो। इससे पहले 1986 में 41, 1987 में 43 और 1988 में सरिस्का में बाघों की संख्या 45 थी। हालांकि वन विभाग इन आंकड़ों को सही नहीं मानता है। उस समय के आंकड़े वास्तविक नहीं है। क्योंकि इसके बाद के सालों में एक्सपर्ट के अनुसंधान के आधार पर सर्वे किया गया तो इनकी संख्या 25 से 30 के बीच ही आई।

हार्ड क्लाइमेट ने बढ़ाई टाइगर की उम्र

बाघों की औसत आयु 12-13 साल होती है, लेकिन सरिस्का के कई बाघों ने 18 से 19 साल तक जीवन जीया है। ऐसे में प्राकृतिक मौत वाले बाघों की उम्र औसतन 18 साल है। अधिक उम्र होने के पीछे यहां के हार्ड क्लाइमेट को वजह माना जा रहा है। बाघिन एसटी-2 की करीब साढ़े 19 साल की उम्र में मौत हुई। इसके अलावा बाघिन एसटी-3, बाघ एसटी-6 की करीब 18 साल की उम्र में मौत हुई। बाघों की संख्या ज्यादा होने पर टेरेटरी को लेकर जंग होना स्वाभाविक है। बाघ पारिवारिक प्राणी नहीं है। इसलिए वह टेरेटरी में आने पर अपने बच्चों की भी जान ले सकता है।