Alwar 10 साल पुरानी बसों को परिवहन विभाग ने किया डी-रजिस्टर्ड
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अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर राजस्थान रोडवेज के अलवर और मत्स्य नगर डिपो की दर्जनों बसों के संचालन पर संकट पैदा हो गया है। एनसीआर के नियमों के चलते परिवहन विभाग ने इन दोनों डिपो की 10 साल पुरानी बसों को डी-रजिस्टर्ड कर दिया है। अब इन बसों को फिटनेस प्रमाण पत्र भी नहीं मिल पाएगा। जिससे जल्द ही इनका अलवर से संचालन बंद हो जाएगा। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) की सख्ती के चलते प्रदेश के एनसीआर क्षेत्र अलवर और भरतपुर में स्क्रैप पॉलिसी लागू कर दी है। जिसके तहत यहां 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों का संचालन नहीं हो सकेगा। इन नियमों के पेच में राजस्थान रोडवेज के अलवर और मत्स्य नगर डिपो की करीब 56 बसें फंस चुकी है। रोडवेज की 10 साल पुरानी इन बसों को अलवर परिवहन विभाग ने डी-रजिस्टर्ड कर दिया है। यानि इन बसों का रजिस्ट्रेशन खत्म कर दिया गया है। अभी परिवहन विभाग ने तय कर रखा है कि बस अधिकतम 10 लाख किमी या 8 साल तक ही सड़कों पर चल सकती है। हालांकि गाड़ी की री-कंडीशनिंग करके बसों को 15 लाख किमी तक ढोया जा रहा है।
डेटा ट्रांसफर कराने का प्रयास : रोडवेज प्रशासन अलवर से डी-रजिस्टर्ड हुई बसों का परिवहन विभाग से अन्य जिलों में डेटा ट्रांसफर कराने और एनओसी लेने का प्रयास कर रहा है। ताकि इन बसों का एनसीआर क्षेत्र से बाहर के जिलों में रजिस्टर्ड कराया जा सके और फिर इन बसों को अन्य डिपो से संचालन किया जा सके।
दो-तीन महीने और चल सकेंगी ये बसें
परिवहन विभाग से डी-रजिस्टर्ड की गईं बसें अधिकतम दो-तीन महीने और रूट पर चल सकेंगी। फिलहाल इन बसों के पास परिवहन विभाग से जारी फिटनेस प्रमाण पत्र हैं, जिसके चलते इन्हें मार्गों पर चलाया जा रहा है। दो-तीन महीने में इन सभी बसों का फिटनेस प्रमाण पत्र खत्म हो जाएगा। इसके बाद इन बसों को परिवहन विभाग की ओर से फिटनेस प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा और बिना फिटनेस प्रमाण पत्र के ये बसें मार्गों पर नहीं दौड़ सकेंगी।