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Alwar संभाग के 4 जिलों के साथ-साथ पंजाब और हरियाणा से भी गेहूं का भंडारण होगा

 
Alwar संभाग के 4 जिलों के साथ-साथ पंजाब और हरियाणा से भी गेहूं का भंडारण होगा 

अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर बृजमोहन शर्मा, अलवर अलवर में आधुनिक तकनीक वाला गेहूं भंडारण केंद्र (साइलो) बनाया जाएगा। इसका काम शुरू हो चुका है, जिसके इस साल दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है. 75 हजार मीट्रिक टन क्षमता वाले इस भंडारण केंद्र में 3 साल तक गेहूं का सुरक्षित भंडारण किया जा सकता है। भारतीय खाद्य निगम के अलवर संभाग में आने वाले चार जिलों अलवर, भरतपुर, धौलपुर और करौली के अलावा पंजाब और हरियाणा से आने वाला गेहूं भी इस केंद्र में रखा जाएगा.

करीब 50 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस भंडारण केंद्र का संचालन अगले साल शुरू होने की संभावना है. यह केंद्र ट्रांसपोर्ट नगर स्थित भारतीय खाद्य निगम के खुले भंडारण केंद्र की करीब 10 एकड़ जमीन पर बनाया जा रहा है. इसे बनाने वाली कंपनी इसे करीब 30 साल तक ऑपरेट करेगी। इसमें केवल एफसीआई का गेहूं रखा जाएगा। केंद्र में गेहूं का भंडारण पूरी तरह आधुनिक तरीके से किया जाएगा। गेहूं को धातु से बने बड़े टैंकों में रखा जाएगा. भंडारण की पूरी प्रक्रिया मशीनों पर आधारित होगी. उल्लेखनीय है कि भारतीय खाद्य निगम 12 राज्यों में 249 स्थानों पर साइलो का निर्माण कर रहा है।

राजस्थान में अलवर के अलावा श्रीगंगानगर, सवाई माधोपुर, कोटा, बीकानेर और धौलपुर में साइलो बनाए जाएंगे. भंडारण केंद्र में बनेंगे 6 बड़े टैंक : भंडारण केंद्र में 6 बड़े मेटल टैंक बनाये जायेंगे. इनमें से एक टैंक में 12,500 मीट्रिक टन गेहूं भरा जा सकता है. इस प्रकार इस केन्द्र में कुल 75 हजार मीट्रिक टन गेहूं सुरक्षित रखा जायेगा। अब जहां साइलो बनाया जा रहा है, वहां पहले अधिकतम 36 टन गेहूं खुले में रखा जाता था। इसके अलावा शांतिकुंज में एफसीआई का स्थाई गोदाम है। डिपो मैनेजर करण सिंह के मुताबिक इस गोदाम की क्षमता 16,700 मीट्रिक टन है. 'साइलो' अनाज भंडारण की एक नई और आधुनिक तकनीक है। साइलो भंडारण एक स्टील टैंक जैसी संरचना है। भंडारण केंद्र साइलो. साइलो भंडारण यानि बखारी, जिसमें बिना बोरियों के अनाज का भंडारण किया जाता है। यह एक इस्पात संरचना है. इसमें चार बड़े बेलनाकार टैंक हैं। इनमें अनाज को बिना बोरे के लंबे समय तक भंडारित किया जा सकता है। प्रत्येक टैंक में 12500 टन यानि 1 लाख 25 हजार क्विंटल गेहूं रखा जा सकता है। टैंकों का तापमान स्वचालित रूप से स्थिर रखा जाता है। जिससे अनाज खराब नहीं होता. इसमें ट्रकों व अन्य वाहनों से आने वाले गेहूं को इनटेक प्वाइंट पर बैग व बोरियों में खाली कर दिया जाएगा। यहां से इसे कन्वेयर बेल्ट के जरिए प्रोसेस टावर तक भेजा जाएगा।