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Alwar में करीब 72 प्रतिशत दुकानें अभी सरकारी रेकॉर्ड में दर्ज नहीं

 
Alwar में करीब 72 प्रतिशत दुकानें अभी सरकारी रेकॉर्ड में दर्ज नहीं
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर फूड सेफ्टी को लेकर जनजागरण के प्रयास हो रहे हैं, लेकिन खाद्य सामग्री की हजारों दुकानें अब भी सरकार की नजरों से दूर हैं। आकलन है कि जिले में करीब 72 प्रतिशत खाद्य सामग्री की दुकानों का लाइसेंस अथवा पंजीयन ही नहीं है। वहीं, नियमानुसार किसी भी खाद्य व्यवसाय को शुरू करने से पहले एफएसएसएआई (खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ) लाइसेंस या पंजीकरण आवश्यक है। ऐसे में शत प्रतिशत दुकानों के लाइसेंस व पंजीयन के लिए अभी बड़े प्रयासों की जरूरत होगी।

लाइसेंस व पंजीयन कराना अनिवार्य: नियमानुसार 12 लाख रुपए से अधिक के टर्नओवर वाले खाद्य सामग्री के प्रतिष्ठान के लिए लाइसेंस और इससे कम टर्नओवर वाले व्यवसाय के लिए पंजीयन करवाना अनिवार्य है। अलवर जिले में करीब एक लाख से अधिक खाद्य सामग्री से संबंधित दुकानें संचालित हैं। जबकि वर्तमान में जिले में 27 हजार 252 दुकानें ही पंजीकृत हैं। इसमें 4 हजार 45 लाइसेंस शामिल हैं। मसलन करीब 72 प्रतिशत दुकानें अब भी सरकार के रेकॉर्ड में दर्ज नहीं हो पाई हैं। हालांकि विभाग का दावा है कि लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए सरकार की 100 दिवसीय कार्ययोजना के तहत पिछले डेढ़ महीने में 10 पंजीयन शिविरों का आयोजन किया जा चुका है। इसके अलावा 2 मोबाइल चल प्रयोगशाला के माध्यम से भी दुकानदारों का मौके पर ही पंजीयन किया जा रहा है।

लाइसेंस शुद्धता की गारंटी नहीं: एफएसएसएआई का लाइसेंस या पंजीयन संबंधित दुकान पर मिलने वाली खाद्य सामग्री की शुद्धता की गारंटी नहीं होती है। हालांकि जिन्हें यह जारी किया जाता है, खाद्य विभाग की ओर से उन्हें खाद्य सुरक्षा संबंधित नियमों को लेकर समय-समय पर ट्रेनिंग दी जाती है। इसका फायदा ग्राहकों को भी मिलता है।

यह फायदेमंद है लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन के

कानूनन रूप से यह अनिवार्य है। यदि विभागीय जांच में लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन मिलता है तो इससे संबंधित कार्रवाई से बचते हैं।

सरकार का डेटा बेस तैयार होता है।

आंकड़ों के आधार पर खाद्य उद्योगों के लिए योजनाएं बनाना आसान होंगी।

दुकान का एक शासकीय दस्तावेज तैयार होता है जो भविष्य में काम आता है।

ग्राहकों का विश्वास भी बढ़ता है।

खाद्य सामग्री से संबंधित दुकानदारों के पंजीयन के लिए 100 दिवसीय कार्ययोजना के तहत शिवरों का आयोजन किया जा रहा है। इसके अलावा जिले में संचालित 2 मोबाइल फूड टेस्टिंग वेन के माध्यम से भी मौके पर ही पंजीयन की सुविधा दी जा रही है।