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Alwar में जगन्नाथ रथयात्रा महाेत्सव की शुरूआत, 11 पंडि़ताें ने कराया गणेश पूजन, 8 काे रथयात्रा व 10 जुलाई को भरेगा मेला

 
अलवर  में जगन्नाथ रथयात्रा महाेत्सव की शुरूआत, 11 पंडि़ताें ने कराया गणेश पूजन, 8 काे रथयात्रा व 10 जुलाई को भरेगा मेला

अलवर न्यूज़ डेस्क, रविवार की सुबह सुभाष चौक स्थित जगन्नाथ मंदिर में मंत्रोच्चार के साथ गणेश जी की पूजा की गई। इसी के साथ जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव शुरू हो गया है। इसी क्रम में 1 जुलाई को सुबह 8 बजे सुभाष चौक स्थित जगन्नाथ मंदिर में पूजा-अर्चना होगी। 8 जुलाई को शाम 6 बजे सुभाष चौक स्थित जगन्नाथ मंदिर से भगवान जगन्नाथ का जुलूस निकाला जाएगा। वरमाला उत्सव 10 जुलाई को रात 10 बजे मेला स्थल रूपबास में होगा।

जगन्नाथ मंदिर के महंत पं. राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि प्रातःकाल भगवान का अभिषेक करने के बाद पाशाक को वस्त्र पहनाकर पुष्पमालाओं से अलंकृत किया गया। पं. लक्ष्मीकांत और कृष्ण गोपाल की उपस्थिति में 11 पंडितों ने गणेश की पूजा की। भगवान गणेश को जगन्नाथ रथयात्रा के लिए आमंत्रित किया गया था।

बिना किसी रूकावट के संपन्न होने वाले रथ यात्रा उत्सव के लिए शुभकामनाएं भेजी गईं। इस दौरान भजन समूह ने भजन गाए। भगवान जगन्नाथ को मिठाई और खीचड़ी का भोग लगाया गया। इसके बाद मंदिर मेला समिति की बैठक हुई। जिसमें भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा की तैयारियों पर चर्चा की गई।

उन्होंने कहा कि 27 जून से 8 जुलाई तक 11 पंडित मंदिर में प्रतिदिन विष्णु सहस्रनाम, जगन्नाथ अष्टक, गैपाल सहस्रनाम और गायत्री मंत्र का जाप करेंगे. धाजा पूजा 1 जुलाई को सुबह 8 बजे होगी। भगवान जगन्नाथ को कंगन बनाए जाएंगे। भक्त मंदिर में मन्नत मांगेंगे और नारियल चढ़ाएंगे। इस दिन विशेष बिरिया भगवान जगन्नाथ को समर्पित की जाएगी।

रथ 2 जुलाई को रथ से प्रस्थान करेगा। इसके बाद रथ की सफाई, मरम्मत और पेंटिंग का काम होगा। उन्होंने कहा कि मेला नौ से 12 जुलाई तक रूपबास में लगेगा।

जानकीजी की सवारी 10 जुलाई को सुबह 8 बजे सुभाष चौक स्थित जगन्नाथ मंदिर में निकाली जाएगी। जिसमें 501 महिलाएं कलश में शामिल होंगी। रथयात्रा 12 जुलाई को लौटेगी और भगवान जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव का समापन 13 जुलाई को ब्रह्मभेज के साथ होगा।