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Alwar 10 किमी में 148 खदानें, सोने-चांदी के भंडार पर माफिया की नजर

 
Alwar 10 किमी में 148 खदानें, सोने-चांदी के भंडार पर माफिया की नजर
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर सरिस्का सुप्रीम कोर्ट के आए नए आदेश को लेकर फिर सुर्खियों में है। इस आदेश से दर्जनों खनन माफिया को झटका लगा है। हालांकि सरिस्का के एक किमी के दायरे में गिनती की खानें हैं, जो वर्षों से बंद चल रही हैं। 10 किमी के दायरे में जरूर 148 खानें बताई जा रही हैं। जानकार कहते हैं कि सरिस्का के आसपास 44 साल पहले सोना-चांदी के भंडार होने के प्रमाण मिल चुके हैं। ऐसे में माफिया यहीं पर नजरें गड़ाए हुए हैं।

वर्ष 1990 से चला आ रहा है ये प्रकरण

सूत्र कहते हैं कि सरिस्का पर जब माफिया नजरें टिकाने लगे तो एक एनजीओ ने कोर्ट में याचिका दायर की। उन्होंने अरावली पर्वतमाला व सरिस्का को बचाने की पहल की। कोर्ट में प्रकरण चलता रहा। 1990 के बाद सरिस्का के एक किमी के दायरे में चल रही कुछ खदानें बंद हो गईं, जो आज तक बंद हैं। यह भी आदेश आए कि सेंसेटिव जोन से 2 से लेकर 10 किमी के दायरे में खनन नहीं होगा। इसका विरोध हुआ। सरकार ने भी संज्ञान लिया। तर्क दिया गया कि अरावली पर्वतमाला व सरिस्का से 2 किमी दूरी पर पहाड़ हैं। ऐसे में दूसरी खदानें बंद हो जाएंगी। उसके बाद इस दायरे को घटाकर 1 किमी करने से लेकर 100 मीटर करने तक सरकार ने विचार किया लेकिन तब तक मामला सुप्रीम कोर्ट में प्रबल हो चुका था। वन विभाग को इको सेंसेटिव जोन का ड्राफ्ट जारी करना था लेकिन वह नहीं हो पाया। एक खनन कारोबारी का कहना है कि एक किमी के दायरे में तो खानें नहीं चल रही हैं लेकिन 10 किमी के दायरे में करीब 150 खानें हैं, जिनमें कुछ चल रही हैं तो कुछ बंद हैं।

यह है सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने बुधवार को आदेश जारी किया कि सरिस्का टाइगर रिजर्व के एक किलोमीटर के दायरे में कोई भी खनन गतिविधियां नहीं होंगी। प्रदेश सरकार से इस आदेश की पालना के लिए क्लोजर प्लान बनाने के आदेश दिए हैं। वर्ष 1980 से 85 तक भूगोर के पहाड़ी क्षेत्र में सर्वे किया गया। इसमें 0.10 से 0.70 पीपीएम सोने, 0.10 से 2.1 पीपीएम तक चांदी के भंडार, 50 से 1000 पीपीएम तक आर्सेनिक की मात्रा मिली।