Ajmer दीवार पर हस्ताक्षर करती महिला डीटीपी, एपीओ किया
अजमेर न्यूज़ डेस्क, स्मार्ट सिटी ऑफिस के मुख्य लेखाधिकारी का पुराना कमरा। यहां एक कोने में कुर्सी पर बैठी महिला खाली मेज पर हाथ रखकर बैठी है। ये डीटीपी यानी उप नगर नियोजक मीनाक्षी वर्मा हैं। ये सुबह दफ्तर आते ही दीवार पर हस्ताक्षर करती हैं। फिर कलेक्टर को मेल पर अपनी हाजिरी भेजती हैं। इन दिनों मीनाक्षी की नौकरी यहीं से शुरू होकर यहीं खत्म हो जाती है। दरअसल जब जनहित में शहर के लाेगाें ने स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्टों काे एनजीटी में चुनौती दी ताे अफसरों ने एनजीटी में गलत जवाब पेश करने के मामले में डीटीपी को एपीओ कर जयपुर के लिए रिलीव कर दिया। डीटीपी ने राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण में चुनौती दी। अधिकरण ने आदेश पर रोक लगाते हुए डीटीपी का पदस्थापन उसी स्थान पर रखने का निर्देश दिया। डीटीपी ने अधिकरण के आदेश पर 18 अगस्त काे ज्वाइनिंग सीईओ को दी। तीन-चार दिन तक उसने स्मार्ट सिटी ऑफिस के हाजिरी रजिस्टर में हस्ताक्षर किए, लेकिन अब हाजिरी रजिस्टर नहीं दिया जा रहा है। मजबूरन डीटीपी काे दीवार पर हस्ताक्षर करने पड़ रहे हैं।
पूछा तो किसने क्या बोला....
डीटीपी मीनाक्षी वर्मा का कहना है कि मुझे साइन नहीं करने दिया जा रहा। हाजिरी रजिस्टर आलमारी में रख दिया है। दीवार पर साइन कर अटेंडेस लगा रही हूं।
इस मामले में नगर निगम के एसीईओ एवं कमिश्नर सुशील कुमार का कहना है कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है।
स्मार्ट सिटीज राजस्थान के चेयरमैन कैलाश चंद मीणा ने बताया कि डीटीपी से दीवार पर हस्ताक्षर क्यों करवाए जा रहे हैं इस बारे में अजमेर वालों से बात करूंगा। दिखाता हूं क्या मामला है।
गत वर्ष डीटीपी को बेस्ट परफोमर का अवार्ड मिला था डीटीपी काे 21 जनवरी 2022 काे बेस्ट परफोमर का अवार्ड दिया गया। एडीए में रहते हुए अजमेर का मास्टर प्लान तैयार करने वालों में शामिल रही। डीटीपी मीनाक्षी काे करीब 2 साल पहले स्मार्ट सिटी कार्यालय में नियुक्ति दी गई थी। बाद में उसे नगर निगम भेज दिया गया।