Ajmer मार्टिंडल ब्रिज पर वाहनों के पहिए थमने लगे, आए दिन जाम लगने लगा
अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर एलिवेटेड रोड बनने के तीन माह बाद भी इसके साइड इफेक्ट सामने आ रहे हैं। कई प्रकार से वन वे व डिवाइडर लगाने के प्रयोग करने के बाद अब अंग्रेजों के जमाने में बने 100 साल से अधिक पुराने मार्टिंडल ब्रिज पर भी जाम लगने लगा है। मार्टिंडल ब्रिज पर स्टेशन रोड आने के लिए दुपहिया वाहनों के लिए दिया गया कट सही साबित नहीं हो रहा। यहां जाम व दुर्घटना की आशंका बढ़ गई है।
●एलिवेटेड रोड का उद्घाटन हुए साढ़े तीन माह से अधिक का वक्त हो चुका है, लेकिन इसके बाद भी यहां स्थायी यातायात व्यवस्था नहीं की जा सकी है। यातायात की समस्या से निजात पाने के लिए कई प्रयोग किए गए। इसके तहत मुख्य रूप से यातायात को कई जगह मोड़ा या एकतरफा किया गया।
●केसरगंज से चढ़कर कचहरी रोड के लिए पहले पीआर मार्ग उतरना पड़ता था। इसमें संशोधन किया गया अब गांधी भवन प्वाइंट पर एलिवेटेड रोड पर कट लगाया गया है।
●बड़े वाहनों के लिए जो श्रीनगर रोड या नसीराबाद से आ रहे हैं उन्हें जीसीए चौराहे से मोड़ कर एलिवेटेड रोड लाया जा रहा है। स्कूलों की छुट्टी व अन्य कारणों के चलते यहां जीसीए चौराहे से केसरगंज भुजा तक जाम के हालात रहते हैं।
●केसरगंज व स्टेशन रोड से नीचे आने वाले यातायात को यदि नसीराबाद या श्रीनगर रोड जाना है तो मोइनिया इस्लामिया स्कूल के सामने से यू-टर्न लेना होगा।
लोगों के विरोध के बाद एलिवेटेड रोड नसीराबाद रोड से मार्टिंडल ब्रिज होकर स्टेशन रोड आने के लिए दुपहिया वाहनों के लिए एक कट दिया है। यह कट इतना छोटा है कि दुपहिया वाहनों को रुककर निकलना पड़ता है ऐसे में यहां कतार लग जाती है और पास से गुजर रहे बड़े वाहनों की टक्कर लगने का खतरा बन जाता है।
●प्रशासन व यातायात पुलिस व स्मार्ट सिटी अधिकारियों का कहना है कि जैसे जैसे लोगों के सुझाव व परेशानियां सामने आती गईं इसमें बदलाव किया जाता रहा। तकनीकी जानकारों का कहना है कि बदलाव सा संशोधन वहीं होता है, जहां त्रुटि रह जाती है। स्मार्ट सिटी व जिला प्रशासन को मिले ज्ञापनों व आमजन के विरोध के चलते इस प्रकार बदलाव किए हैं। इससे पूर्व जिला प्रशासन स्तर पर हुई बैठकों में सभी विभागों ने मिलकर एलिवेटेड रोड से गुजरने वाले यातायात व्यवस्था को तय किया था। अब 16 अगस्त को पुन: इस संबंध में बैठक होगी। इसमें मौजूदा स्थिति की समीक्षा की जाएगी व आगामी निर्णय किए जाएंगे।