Ajmer जयपुर से बाइक पर अजमेर आ रहे दो युवकों की सड़क हादसे में मौत

अजमेर न्यूज़ डेस्क, जयपुर से बाइक पर घर लौट रहे दौराई के तीन युवकों को गुरुवार दोपहर तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी। दो युवकों की मौत हो गई। जबकि तीसरे युवक की हालत गंभीर है। उसे अजमेर के जेएलएन चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। अजमेर के दौराई निवासी पवन रैगर (20), आर्यन रैगर (18) एवं अजय रैगर (22) तीनों आपस में रिश्तेदार बताए गए हैं। यह तीनों जयपुर गए हुए थे और दोपहर को मोटरसाइकिल से अजमेर लौट रहे थे। बालाजी मंदिर के सामने आरओबी के पास तेज रफ्तार कार ने इनकी बाइक को टक्कर मार दी। सड़क दुर्घटना में बाइक क्षतिग्रस्त हो गई और सवार तीनों युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना पर पहुंची मदनगंज थाना पुलिस एवं प्रत्यक्षदर्शियों ने तीनों को एम्बुलेंस से राजकीय यज्ञनारायण चिकित्सालय पहुंचाया। इनमें से एक ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। दूसरे युवक ने हॉस्पिटल में उपचार के दौरान दम तोड़ा। चिकित्सकों ने अजय की गंभीर हालत को देखते हुए उसे तत्काल अजमेर के जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया। बाद में मदनगंज थाना पुलिस ने मृतक पवन और आर्यन के शव पोस्टमार्टम करवाकर परिजन को सौंप दिए। खबर लिखे जाने तक अजय की हालत भी गंभीर बताई गई। मदनगंज थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है।
सेंट्रल जेल के बंदियों का शत-प्रतिशत परिणाम
अजमेर अजमेर सेंट्रल जेल के बंदियों का आईटीआई में शत-प्रतिशत परिणाम रहा है। जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल ने बताया कि बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने, स्वरोजगार से जोडने व समाज में पुन:स्थापित करने के लिए आईटीआई प्रशिक्षण दे रहा है। इनमें एक वर्षीय कंप्यूटर ऑपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट, दो वर्षीय इलेक्ट्रीशियन ट्रेड डिप्लोमा कोर्स शामिल है।
सत्र 2023-24 में सात बंदियों ने सत्रांक परीक्षा दी। इनमें अनिल ने 88 प्रतिशत लेकर प्रथम स्थान प्राप्त किया। 85 प्रतिशत के साथ ओमप्रकाश द्वितीय, प्रहलाद 85 प्रतिशत अंकों के साथ तृतीय रहे। कैन्हयालाल ने 82 प्रतिशत लालाराम ने 81, पवन ने 78, राकेश ने 77, इलेक्ट्रीशियन ट्रेड में प्रथम वर्ष में रामनारायण ने 81 प्रतिशत अंकों के साथ प्रथम, खींयाराम ने 81 प्रतिशत के साथ द्वितीय, महेशचन्द ने 80 प्रतिशत के साथ तृतीय स्थान हासिल किया। मुकेश ने 80, दीपचन्द ने 79,, चन्दजीत ने 77, राजू ने 76 प्रतिशत अंक हासिल किए। आई.टी.आई. अधीक्षक शिरीष शर्मा, मयंक शर्मा, त्रिलोकचन्द, अंकित शर्मा ने बंदियों को प्रशिक्षण में सहयोग दिया। कोर्स करने वाले बंदी शिक्षित होकर स्वरोजगार से जुड़ सकेंगे।