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Ajmer सरोवर अभिषेक के साथ चौबीस कोस और चौरासी कोसीय परिक्रमा पूरी होती है

 
Ajmer सरोवर अभिषेक के साथ चौबीस कोस और चौरासी कोसीय परिक्रमा पूरी होती है

अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर ब्रह्म घाट पर पूजा-अर्चना के साथ गायत्री शक्तिपीठ संस्थान के ग्यारहवें तीर्थ जागरण अभियान के तहत शुरू की गई पुष्कर आरण्य की 24 कोसीय पदयात्रा एवं 84 कोसीय रथ यात्रा परिक्रमा बुधवार को सम्पन्न हो गई। दोपहर तीन बजे ब्रह्मघाट पर हरिद्वार से मंगाए समस्त तीर्थों, पुष्कर क्षेत्र के सभी मंदिरों, तीर्थ स्थलों से एकत्रित जल एवं पंचगव्य से पंडित गंगाधर पाराशर के आचार्यत्व में ब्रह्म सरोवर का अभिषेक किया गया। यात्रा के साधकों ने प्रात:काल बूढ़ा पुष्कर सरोवर के घाट पर गायत्री महामंत्र का जाप किया तथा वेद तर्पण, गायत्री तर्पण, देव तर्पण, ऋषि तर्पण, यम तर्पण, दिव्य मानव तर्पण, पितृ तर्पण, प्रकृति का तर्पण, शहीदों और महापुरुषों के वैदिक विधान से तर्पण किए गए।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सतीश कौशिक तथा डॉ. प्रमोद पारीक एवं डॉ. बजरंग सिंह राजपुरोहित रहे। पांच दिवसीय परिक्रमा के दौरान एक हजार श्रद्धालुओं ने 800 घरों, देव स्थलों पर गायत्री यज्ञ, 80 स्थानों पर शिव अभिषेक कर 1000 वृक्ष लगाए। घनश्याम पालीवाल ने यात्रा समापन पर पांच दिवसीय यात्रा का संक्षिप्त प्रतिवेदन सुनाया। रत्नागिरी पर्वत पर माता सावित्री मंदिर एवं चामुण्डा सिद्ध पीठों के पंच कोसीय कच्ची परिक्रमा का मार्ग बनाने की मांग की गई।

श्रद्धालु हुए परेशान : परिक्रमा के दौरान सावित्री माता पहाड़ की परिक्रमा की पीछे की सड़क कंकरीट पत्थरों से अटी होने, बैजनाथ धाम से होकरा गांव तक सा पहाड़ी का रास्ता अत्यंत कठिन होने से नंगे पांव चल रहे श्रद्धालु जख्मी हो गए। अजमेर. यात्रा के तपस्वी भवन पहुंचने पर गायत्री माता रथ की पूजा की गई। संयोजक घनश्याम पालीवाल, प्रभारी ओमप्रकाश अग्रवाल, सह प्रभारी तुलसीराम शर्मा व जिला प्रतिनिधि रामलाल वैष्णव का स्वागत किया गया। सेवानिवृत्त जज अजय शर्मा, गायत्री शर्मा, डॉ. रामनिवास शर्मा, रामबाबू शर्मा, रामसिंह उदावत आदि मौजूद रहे।