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Ajmer जेल में भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर छलके बहनों के आंसू

 
Ajmer जेल में भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर छलके बहनों के आंसू
अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर जेल की सलाखों के पीछे बैठे भाई की कलाई पर राखी बांधी तो बहनों की आंखें छलछला उठीं। बहन के आंसू देखकर बंदी भाई भी अपने आंसू नहीं रोक सके। बहनों ने भाई की जल्द रिहाई की दुआएं मांगी। यहां सेन्ट्रल जेल में बुधवार सुबह से ही बहनें रक्षाबंधन के पर्व पर भाई को राखी बांधने पहुंची। जेल प्रशासन ने मुख्यद्वार पर बंदियों के रक्षासूत्र बांधने की विशेष व्यवस्था की। अजमेर सेन्ट्रल जेल में सुबह 8 बजे से ही बंदियों की बहनें, रिश्तेदार राखी लेकर पहुंचीं। जेल प्रशासन ने सुबह 10 बजे से राखी बांधने के साथ मुलाकाती विशेष पास जारी किए। इसके बाद बारी-बारी से बहनों ने भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र कलावा बांधकर गुड़ से मुंह मीठा कराया। भाइयों ने भी जेल कैंटिन से खरीदी मिठाई बहनों को खिलाई।

रोली, मोली, गुड की व्यवस्था : जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल ने बताया कि जेल प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर प्रवेशद्वार पर गुड़, रोली, मोली व थाली की व्यवस्था की, जबकि बंदियों के लिए जेल कैंटिन में गुलाब जामुन, काजू कतली, सोहन पपड़ी व रसगुल्ला जैसी मिठाइयां उपलब्ध करवाई। बंदी व परिजन कैंटिन में भुगतान कर मिठाई ले सकते थे। कई भाई ने बहनों को कैंटिन से खरीदी मिठाई भी खिलाई।

फफक पड़ी बेटी और बहनें

एनडीपीएस एक्ट में 18 माह से अजमेर जेल में बंद जोधपुर के भजनलाल को उसकी दो बहन और बेटी राखी बांधने पहुंची। भाई को देखकर जहां दोनों बहनें आंसू नहीं रोक सकीं, वहीं मासूम बेटी की सिसकियों ने सबकी आंखों को नम कर दिया। सेन्ट्रल जेल में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय की बहनें भी भाइयों के राखी बांधने पहुंची। उन्होंने अपने भाई की कलाई पर कलावा बांध मुंह मीठा करवाया। बहनों ने अपने भाई की जल्द रिहाई की दुआ मांगी।