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Ajmer रैली पर रोक लगाने की मांग को लेकर राजपूत समाज ने किया प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन

 
Ajmer रैली पर रोक लगाने की मांग को लेकर राजपूत समाज ने किया प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन
अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर राजपूत समाज ने 24 अगस्त को होने वाली गुर्जर समाज की रैली की अनुमति नहीं देने और सामाजिक तत्वों पर कार्रवाई की मांग को लेकर सोमवार को कलक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन किया। क्षत्रिय राजपूत समाज ने जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक के नाम सौंपे ज्ञापन में 24 अगस्त को सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार को गुर्जर जाति से जोड़कर शोभायात्रा की अनुमति नहीं देने और सोशल मीडिया पर बने सोशल अकाउंट से टिप्पणी करने वाले लोगों पर कार्रवाई की मांग की।

बहादुर सिंह पीपरोली, नारायण सिंह, वीरेन्द्र सिंह खंगारोत, जितेन्द्र सिंह खंगारोत, अनंत सिंह खंगारोत सहित कई अन्य प्रतिनिधियों ने अतिरिक्त जिला कलक्टर राजेंद्र सिंह सिसोदिया, पुलिस उप अधीक्षक वैभव शर्मा को ज्ञापन देकर रैली रोकने की मांग की। इससे पूर्व कुंदन नगर स्थित मेजर शैतान सिंह राजपूत छात्रावास से राजपूत समाज के पदाधिकारी वाहन रैली से कलक्ट्रेट पहुंचे। ऌसम्राट मिहिर भोज को गुर्जर बताकर निकाली जाने वाली रैली की अनुमति नहीं देने की मांग को लेकर राजपूत समाज लामबंद हो गया है।

इस संबंध में समाज के लोगों का कहना है कि सनातन धर्म रक्षक गुर्जर भोज क्षत्रिय राजपूूत के प्रतिहार वंश के हैं। 36 राजवंशों की सूची में केवल प्रतिहार नाम आता है, गुर्जर प्रतिहार नहीं। प्रतिहारों के शिलालेख 14वीं सदी तक मिलते हैं परंतु 10वीं सदी के बाद के शिलालेख में प्रतिहारों के लिए कहीं भी गुर्जर शब्द का प्रयोग नही होता। समाज के जानकारों का कहना है कि गुर्जर शब्द उपाधि के रूप प्रतिहारों से चालुक्य व उसके बाद बघेल वंश होता हुआ मुस्लिम शासक अल्पखान खिलजी महमूद बेगडा मुजफ्फरशाह मोहम्मद गोरी को गया। जिस शासक के अधिकार में गुर्जर क्षेत्र रहा उसे गुर्जर उपाधि मिलती गयी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग भी गुर्जर शब्द को स्थान वाचक मानता है।