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Ajmer में परिवर्तन यात्रा 14 को आएगी, समितियों का किया गठन

 
Ajmer में परिवर्तन यात्रा 14 को आएगी, समितियों का किया गठन

अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर भाजपा की ओर से निकाली जा रही परिवर्तन यात्रा की तैयारी को लेकर बैठक आयोजित की गई। यात्रा को सफल बनाने के लिए जिला, विधानसभा व दिवस स्तरीय समितियों का गठन किया गया है। अजमेर में यात्रा का प्रवेश 14 सितम्बर को होगा। भाजपा शहर जिलाध्यक्ष रमेश सोनी ने बताया कि परिवर्तन यात्रा में प्रतिदिन एक जनसभा रहेगी, शेष स्वागत पॉइंट, स्वागत सभाएं होंगी। यात्रा की पूर्व तैयारी में जन भागीदारी के लिए गांव, बस्ती, ढाणी, वार्ड शक्ति केंद्र, बूथ पर परिवर्तन यात्रा से संबंधित युवा, महिला, किसान चौपाल होंगी। सांसद भागीरथ चौधरी ने कहा कि यह परिवर्तन यात्रा प्रदेश की इस कुशासन वाली कांग्रेस को उखाड़ फेंकने वाली यात्रा है। विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि यह यात्रा आगामी चुनाव का प्रतिबिम्ब होगा। विधायक अनिता भदेल ने कहा कि आगामी यह परिवर्तन यात्रा भाजपा के चुनावी अभियान का श्रीगणेश होगी। जिला संगठन प्रभारी बीरमदेव सिंह, यात्रा के संयोजक धर्मेंद्र गहलोत, सह संयोजक डॉ. प्रियशील हाड़ा, अरविन्द यादव, सम्पत सांखला, वेद प्रकाश दाधीच, जय किशन पारवानी, सुरेन्द्र सिंह शेखावत आदि मौजूद रहे।

एनजीटी के आदेश की हो तत्काल पालना- देवनानी

अजमेर एनजीटी की ओर से पारित आदेशों की तत्काल पालना की मांग विधायक वासुदेव देवनानी ने की है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने मनमर्जी से झील संरक्षण नियमों के साथ खिलवाड़ किया है। देवनानी ने कहा कि स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने आनासागर झील के कैचमेंट एरिया को मिट्टी से भरकर ना सिर्फ छोटा किया, बल्कि वहां अनाधिकृत निर्माण भी कर दिया, जिससे नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी गलत माना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इशारे पर स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने प्रोजेक्ट कार्यों से जनप्रतिनिधियों को दूर रखा और उनसे किसी भी तरह के सुझाव नही लिए, जिसका खामियाजा अब भुगतना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि एनजीटी ने जिन निर्माणों को ग्रीन बेल्ट के अधीन अतिक्रमण मान कर दो माह में तोड़ने के आदेश दिए हैं उनकी लागत करीब 70 करोड़ है जिसकी भरपाई अब उन्हीं अधिकारियों से करनी चाहिए जिन्होंने शहर में विकास के नाम पर विनाश किया। देवनानी ने मुख्यमंत्री की ओर से न्यायपालिका पर दिए गए विवादित बयान पर इस्तीफा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सीएम गहलोत ने संवैधानिक पद पर रहते हुए जिस तरह का बयान दिया है वह शोभनीय नहीं है। इससे न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंची है।