Ajmer में नए औद्योगिक क्षेत्र की दरकार, छह सौ बीघे जमीन खाली सराधना
नए औद्योगिक क्षेत्र के लिए संघर्षरत लघु उद्योग भारती के प्रतिनिधि अजीत अग्रवाल ने बताया कि एक ओर नया क्षेत्र नहीं बन रहा है तो दूसरी ओर मौजूदा औद्योगिक क्षेत्रों में उद्यमियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गेगल औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भेजा गया, लेकिन अब तक मंजूरी नहीं मिली है। इस क्षेत्र में पीने के पानी की टंकी तक नहीं है जिसकी वजह से उद्योगों में काम करने वाले श्रमिकों को परेशानी हो रही है। पानी की टंकी की राशि जलदाय विभाग में जमा करा दी गई है, लेकिन फिर भी टंकी का निर्माण नहीं हो रहा है। माखुपुरा औद्योगिक क्षेत्र की टंकी से आवासीय कॉलोनियों में पेयजल की सप्लाई हो रही है। इससे इस क्षेत्र के श्रमिकों को मांग के अनुरूप पानी उपलब्ध नहीं होता। ब्यावर तहसील के नरबदखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र में अतिक्रमण की समस्या है।
पालरा औद्योगिक क्षेत्र में डंपिंग यार्ड नहीं होने से उद्यमियों को परेशानी हो रही है। अग्रवाल ने कहा कि नए औद्योगिक क्षेत्र नहीं बनने के कारण ही सेंदरिया गांव के निकट भूखंडों पर छोटे छोटे उद्योग लग गए, लेकिन इनका नियमितिकरण नहीं हो पा रहा है। औद्योगिक क्षेत्रों में टूटी फूटी सड़कें होने के कारण आए दिन दुर्घटनाएं भी होती हैं। कई क्षेत्रों में तो बिजली के तार झूलते देखे गए हैं। अग्रवाल ने अजमेर के विधायक वासुदेव देवनानी के विधानसभा अध्यक्ष और सुरेश रावत के कैबिनेट मंत्री बनने पर उम्मीद जताई है कि अब नए औद्योगिक क्षेत्र बनने में मदद मिलेगी। उद्यमियों की समस्याओं का समाधान भी होगा।