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Ajmer जेल में बढ़ रही है मारवाड़ की दुश्मनी, विक्रम नांदिया व कैलाश मांजू भी पहुंचे हाई सिक्योरिटी जेल

 
Ajmer जेल में बढ़ रही है मारवाड़ की दुश्मनी, विक्रम नांदिया व कैलाश मांजू भी पहुंचे  हाई सिक्योरिटी जेल
अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर मारवाड़ के गैंगस्टर्स की दुश्मनी इन दिनों अजमेर के हाई सिक्योरिटी जेल में पनाह लिए हुए है। एक साल पहले राजू फौजी को यहां लाया गया था। वहीं एक-दूसरे के जानी दुश्मन विक्रम नांदिया और कैलाश मांजू भी अब हाई सिक्योरिटी जेल पहुंच चुके हैं। हालांकि जेल प्रशासन तीनों को अलग-अलग सेल में रखकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम का दावा कर रहा है। लेकिन तीनों हार्डकोर गैंगस्टर की मौजूदगी ने जेल में गैंगवार का खतरा बढ़ा दिया है। हाई सिक्योरिटी जेल बीते तीन माह से प्रदेश के गैंगस्टर का हॉट स्पॉट बना हुआ है। बीते 3 माह में कुख्यात हार्डकोर अपराधियों की यहां आमद हुई है। मारवाड़ के जानी दुश्मन कहे जाने वाले विक्रम नांदिया व कैलाश मांजू को यहां शिफ्ट करने के साथ ही भीलवाड़ा पुलिस के दो जवानों की हत्या के आरोप में हिस्ट्रीशीटर राजू फौजी भी गिरफ्तारी के बाद से यहां मौजूद है।

क्षमता 262 हार्डकोर अपराधी की है, जहां अभी 200 मौजूद हैं। आन्तरिक सुरक्षा जेल विभाग के प्रहरी, बाहर की सुरक्षा आरएसी प्लाटून के जिम्मे है। सुरक्षा में 312 सीसीटीवी कैमरे हैं। इसमें 113 बुलेट कैमरे, 92 डोम, 14 पीटीजेड और 48 अन्य शामिल हैं। जेल में भरतपुर के कुलदीप जघीना हत्याकांड के आरोपी धर्मराज, अमरदीप, बबलू, विष्णु, कुलदीप, सौरभ के अलावा जगन गुर्जर, डिप्टी गैंग, राजू ठेहट की हत्या के आरोपित अशोक इसरवाल, विजयपाल, धनराज गहलोत, आनन्दपालसिंह गैंग के गुर्गे हैं। उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपी मो. रियाज अत्तारी, मो. गौस, मो. मोहसिन, आरिफ हुसैन, मोहसिन, वसीम अली, फरहाद मोहम्मद शेख उर्फ बबला, मो. जावेद व मुस्लिम खान उर्फ मुस्लिम रजा सहित अजमेर दरगाह के निजाम गेट पर विवादित नारा लगाने वाले सैयद गौहर चिश्ती भी यहां मौजूद है।

मारवाड़ के गैंगस्टर की दुश्मनी 18 साल पुरानी है। 2005 में राकेश के भाई दिनेश मांजू उसका दोस्त दिनेश बंबानी सट्टे का कारोबार चलाते थे। उन्होंने जोधपुर में सट्टे का कारोबार खड़ा किया। दिनेश मांजू 31 दिसम्बर 2010 को बाड़मेर के होटल में न्यू ईयर पार्टी करके लौट रहा था तभी हिस्ट्रीशीटर श्रवण बाबल व स्वरूपसिंह सोढ़ा ने गोली मारकर हत्या कर दी। दिनेश मांजू व दिनेश बंबानी सट्टे के कारोबार में भी साझेदार थे। दिनेश मांजू की मौत के बाद छोटे भाई राकेश, चाचा कैलाश मांजू ने दिनेश बंबानी से सट्टे का हिसाब मांगा था। हिसाब नहीं देने पर उनमें दुश्मनी पल गई। दोस्त से दुश्मन बने बंबानी और मांजू एक-दूसरे पर तीन मर्तबा फायरिंग कर चुके हैं। जोधपुर शास्त्रीनगर स्थित मॉल के पास बंबानी पर मांजू गैंग ने 17 फायर किए। एक गोली बंबानी के लगी। मांजू-बंबानी के बीच तनाव इतना बढ़ गया कि मार्च 2018 में दिनेश बंबानी के घर पर फायरिंग हुई। करीब तीन साल पहले राकेश मांजू ने विक्रमसिंह नांदिया पर फायरिंग की। फिर विक्रम नांदिया ने राकेश मांजू पर पलटवार किया। उसे गत दिनों जोधपुर पुलिस से गिरफ्तार किया।