Ajmer श्रीमद् भागवत की शिक्षा का प्रसार ही इस्कॉन का मुख्य ध्येय, तैयार होगा विशेष प्रसाद
व्याख्यान-संकीर्तन-साहित्य पर जोर
स्वामी चैतन्य चरण दास ने बताया कि कृष्ण भक्ति और श्रीमद् भागवत की शिक्षाओं का प्रसार ही इस्कॉन का मुख्य ध्येय है। प्रतिदिन सुबह हरिनाम संकीर्तन से शुरूआत होती है। इसके बाद सुबह 7.30 बजे श्रीमद भागवत और शाम 6.30 बजे श्रीमद भगवत गीता के व्याख्यान होते हैं। श्रीमद भागवत और अन्य पुस्तकों-साहित्य भी भक्तों को उपलब्ध कराया जाता है।
फूलों से शृंगार, फरियाली प्रसाद
जन्माष्टमी पर होटल मेरवाड़ा एस्टेट में पुष्प सज्जा होगी। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलूरू से करीब 1.50 से 2 लाख रुपए के विशेष पुष्प मंगवाए जाएंगे। शाम 4 बजे कीर्तन, 7 बजे गौर आरती, रात्रि 9 बजे श्रीकृष्ण विग्रह का अभिषेक और अन्य कार्यक्रम होंगे। मध्य रात्रि 12 बजे भगवान का पंचामृत से अभिषेक एवं महाआरती होगी। खास फरियाली प्रसाद भक्तों को वितरित किया जाएगा। फरियाली में करीब 10 क्विंटल शक्कर पारा, साबुदाना, सावा खिचड़ी, पूड़ी, हरी सब्जियां और अन्य शामिल होगा। प्रतिवर्ष विभिन्न धार्मिक आयोजनों में सैकड़ों कृष्ण भक्तों की मौजूदगी रहती है। इस बार भी कृष्ण भक्त जन्माष्टमी पर्व धूमधाम से मनाने के लिए विशेष तैयारी में जुटे हैं।