अजमेर जेल में हाईटेक अपराध का भंडाफोड़, मोबाइल और स्मार्टवॉच के जरिए बाहर चल रही थी गैंग की साजिशें
अजमेर की सिविल लाइंस थाना पुलिस ने राज्य की सबसे सुरक्षित हाई सिक्योरिटी जेल में मोबाइल फोन और स्मार्ट वॉच का इस्तेमाल कर रहे दो कुख्यात अपराधियों को गिरफ्तार किया है। जेल में प्रतिबंधित वस्तुओं के इस्तेमाल की पुख्ता जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की। दोनों आरोपियों की पहचान हरियाणा के हिसार निवासी उधम सिंह और रोहतक निवासी मोनू उर्फ सुखा के रूप में हुई है, जो हत्या जैसे गंभीर मामलों में बंद हैं।
संदेह के आधार पर तलाशी
पुलिस के अनुसार, 9 जून को हाई सिक्योरिटी जेल के वार्ड 1 के ब्लॉक 3 और ब्लॉक 5 में अचानक तलाशी अभियान चलाया गया। ब्लॉक 5 के सेल नंबर 5 में बंद मोनू उर्फ सुखा के पास से एक चालू हालत में स्मार्ट वॉच मिली, जिसमें सिम कार्ड, चार्जर और एडॉप्टर भी बरामद हुए। इससे यह स्पष्ट हो गया कि दोनों कैदी जेल के अंदर रहते हुए भी बाहरी लोगों के संपर्क में थे और संभवतः आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे।
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ जारी
जेल प्रशासन की शिकायत पर सिविल लाइंस थाना पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर प्रोडक्शन वारंट के जरिए गिरफ्तार कर लिया। सब इंस्पेक्टर भारती गिरिराज के नेतृत्व में की गई जाँच में पुष्टि हुई कि दोनों कैदियों ने जेल के नियमों का उल्लंघन किया और मोबाइल व स्मार्ट वॉच का इस्तेमाल किया। फिलहाल, पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है कि ये सामग्री जेल के अंदर कैसे पहुँची और किसके ज़रिए बाहरी संपर्क स्थापित हुआ। यह मामला जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
देश के कुख्यात गैंगस्टर जेल में हैं
इस उच्च सुरक्षा वाली जेल में पूरे भारत के कुख्यात गैंगस्टर और हत्या के मामलों के आरोपी बंद हैं। इसमें 150 से ज़्यादा खूँखार अपराधी बंद हैं, जिनमें कन्हैया हत्याकांड का मुख्य आरोपी लॉरेंस गैंग के सदस्य, आनंदपाल गैंग के शूटर, रोहित गोदारा गैंग के सदस्य और सिद्धू मूसे वाला हत्याकांड से जुड़े आरोपी शामिल हैं।
