"क्या सरकार अजमेर को संभल बनाना चाहती है?" दरगाह विवाद पर राजेंद्र गुढ़ा का बड़ा बयान
अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर शरीफ दरगाह को हिंदू मंदिर बताने वाली याचिका कोर्ट में स्वीकार कर ली गई है. अजमेर की निचली अदालत ने सभी पक्षकारों को नोटिस करते हुए 20 दिसंबर को मामले में अगली सुनवाई की तारीख तय हुई है. ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने के दावे को मंजूरी मिलने के बाद से ही बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया है. इस मामले में पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि निचले कोर्ट के मजिस्ट्रेट को ऐसे आदेश देने से बचना चाहिए.
'1991 एक्ट में नहीं होनी चाहिए छेड़छाड़'
गुरुवार को मंत्री राजेंद्र सिंह गुढा ने ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पहुंचे. इस दौरान केंद्र और राजस्थान की सरकार पर जमकर बरसे. पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह ने कहा कि 1947 में बनाए गए 1991 एक्ट में छेड़खानी नहीं होनी चाहिए. क्या सरकार राजस्थान को उत्तर प्रदेश और अजमेर को संभल बनाना चाहती है? गुढ़ा ने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह अगर विवादित है तो यहां क्यों देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और दूसरे देश के राष्ट्रपति चादर चढ़ाते हैं? अजमेर की दरगाह सबसे बड़ी गंगा जमुनी तहजीब को बढ़ावा देने वाला स्थान है.
उन्होंने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह अगर विवादित है तो यहां क्यों देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और दूसरे देश के राष्ट्रपति चादर चढ़ाते हैं? अजमेर की दरगाह सबसे बड़ी गंगा जमुनी तहजीब को बढ़ावा देने वाला स्थान है.
गुढ़ा ने कहा कि आजादी के इतने साल बाद भी राजस्थान की जनता शिक्षा, पानी, रोजगार और महंगाई से त्राहि-त्राहि कर रही है और हम सब हिंदू-मुस्लिम कर रहे हैं. हिंदुस्तान में चौथी बार और राजस्थान में पांचवी बार भाजपा की सरकार है. बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर राजेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्यों नहीं बांग्लादेश पर दबाव बनाते हैं. क्यों नहीं बांग्लादेश पर हिंदुओं के बचाव में मिसाइल अटैक करते हैं?