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आरपीएससी स्कूल लेक्चरर भर्ती में बैकलॉग बढ़ने की आशंका, परिणामों के बाद अभ्यर्थियों में चिंता

 
आरपीएससी स्कूल लेक्चरर भर्ती में बैकलॉग बढ़ने की आशंका, परिणामों के बाद अभ्यर्थियों में चिंता

राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) द्वारा माध्यमिक शिक्षा विभाग में स्कूल लेक्चरर एवं कोच के 2202 पदों पर निकाली गई भर्ती एक बार फिर चर्चा में आ गई है। हाल ही में आयोग की ओर से म्यूजिक, होम साइंस सहित कुछ अन्य विषयों के परिणाम जारी किए जाने के बाद इस भर्ती में बैकलॉग बढ़ने के आसार जताए जा रहे हैं। परिणामों को लेकर अभ्यर्थियों में असंतोष और चिंता दोनों देखी जा रही है।

जानकारी के अनुसार, आरपीएससी ने विभिन्न विषयों के लिए स्कूल लेक्चरर और कोच पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी, जिसमें बड़ी संख्या में बेरोजगार युवाओं ने आवेदन किया। उम्मीद थी कि इस भर्ती से लंबे समय से खाली पड़े पद भरे जाएंगे और शिक्षा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी। हालांकि, हालिया परिणामों के बाद यह आशंका गहराने लगी है कि कई विषयों में पर्याप्त संख्या में अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो पाएगा, जिससे पद रिक्त रह सकते हैं।

विशेष रूप से म्यूजिक और होम साइंस जैसे विषयों में घोषित परिणामों के बाद यह सामने आया है कि चयनित अभ्यर्थियों की संख्या स्वीकृत पदों से कम है। इससे यह संकेत मिल रहे हैं कि आगामी चरणों में अन्य विषयों में भी इसी तरह की स्थिति बन सकती है। यदि ऐसा होता है, तो भर्ती प्रक्रिया के बावजूद बड़ी संख्या में पद खाली रह जाएंगे, जिसे बैकलॉग के रूप में जोड़ा जाएगा।

अभ्यर्थियों का कहना है कि भर्ती परीक्षा का स्तर, पाठ्यक्रम में बदलाव और मूल्यांकन प्रक्रिया को लेकर पहले से ही सवाल उठते रहे हैं। अब परिणामों के आंकड़े सामने आने के बाद उनकी आशंकाएं और गहरी हो गई हैं। कई बेरोजगार युवाओं ने यह भी आरोप लगाया है कि विषयवार सीटों की तुलना में योग्य अभ्यर्थियों का चयन कम होना नीति और प्रक्रिया की समीक्षा की मांग करता है।

शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि बड़ी संख्या में पद रिक्त रह जाते हैं, तो इसका सीधा असर सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता पर पड़ेगा। पहले से ही कई स्कूल लेक्चरर पद खाली हैं, जिसके चलते शिक्षकों पर अतिरिक्त भार है। ऐसे में इस भर्ती से अपेक्षित राहत न मिल पाना चिंता का विषय है।