मुनाफा के लालच में आकर ठगी का शिकार हुआ आर्मी अफसर, गवाएं लाखों रुपये
अजमेर न्यूज़ डेस्क, अक्सर ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए ठगी के चौंकाने वाले मामले सामने आते रहते हैं. साइबर फ्रॉड को अंजाम देने वाले बदमाश कभी हैकिंग के जरिए तो कभी गाढ़ी कमाई का झांसा देकर ठगी कर लेते हैं. इन
ठगों के झांसे में आकर कई मासूम लोग लाखों-करोड़ों रुपए गंवा देते हैं. ऐसा ही मामला अजमेर (Ajmer) में सामने आया है. जहां आर्मी ऑफिसर से 5 लाख रुपए से ज्यादा ठग लिए गए. बदमाशों ने ऑफिसर जितेंद्र यादव को डिजिटिल मार्केटिंग के जरिए मुनाफा कमाने का झांसा दिया और फिर उनसे 5 लाख 43 हजार रुपए की ठगी (Fraud) कर ली.
सोशल मीडिया पोस्ट, रेटिंग और रिव्यू का कर रहा था काम
इन शातिर ठगों ने आर्मी ऑफिसर को डिजिटल मार्केटिंग का काम दिया. ऑफिसर को पोस्ट, रेटिंग और रिव्यू बढ़ाने का काम दिया गया था. इसके बदले में अच्छा मुनाफा कमाने की भी बात कही गई. लेकिन जब मुनाफा क्रेडिट करने का समय आया तो बदमाशों ने उनसे रुपए की डिमांड की और ऑफिसर ने लालच में आकर लाखों रुपए ट्रांसफर कर दिए.
असम में तैनात है जितेंद्र यादव, अनजान लोगों की बातों में आकर हो गया शिकार
साइबर थाना प्रभारी मनीष चारण ने जानकारी देते हुए बताया कि अजमेर निवासी आर्मी ऑफिसर हाल में असम में पद स्थापित है. रिपोर्ट के मुताबिक उनके पास पहले अनजान लोगों ने कॉल किया. जिसमें कुछ लोगों ने उन्हें कमाई करने का तरीका बताने की बात कही. ठगों के झांसे में आकर ऑफिसर ने डिजिटल मार्केटिंग के काम को करना भी शुरू कर दिया. जिसके बाद बदमाशों ने जितेंद्र यादव को शिकार बनाया. जब आर्मी ऑफिसर को ठगी का एहसास हुआ तो उन्होंने साइबर थाने में मोबाइल नंबर के आधार पर मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
जब मुनाफे की राशि बैंक खाते से निकालनी चाही तो डिमांड करने लगे पैसे
दरअसल, आर्मी ऑफिसर जितेंद्र यादव ने डिजिटल मार्केटिंग में क्रेडिट स्कोर 80 कर लिया. उन्होंने ऑनलाइन मार्केटिंग में कमाई गई राशि को जब निकालना चाहा तो शातिर बदमाशों ने उन्हें 20 क्रेडिट स्कोर और करने की बात कही. ऐसे में पीड़ित ने 100 क्रेडिट स्कोर करने के लिए 20 क्रेडिट स्कोर खरीदने की बात मान ली और हर क्रेडिट स्कोर के हिसाब से कुल 5 लाख 43 हजार रुपए अलग-अलग खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर किए. जब क्रेडिट स्कोर सो हो गया तो आर्मी ऑफिसर ने ठगों के मोबाइल नंबर पर संपर्क करना चाहा, लेकिन फोन स्विच ऑफ था.