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Ajmer संसदीय सीट पर बीजेपी-कांग्रेस के अलावा किसी तीसरी पार्टी को कभी सफलता नहीं मिली

 
Ajmer संसदीय सीट पर बीजेपी-कांग्रेस के अलावा किसी तीसरी पार्टी को कभी सफलता नहीं मिली

अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर लोकसभा सीट पर तीसरे मोर्चे के हाल-बेहाल हैं। शुरुआत से भाजपा और कांग्रेस में ही सीधी टक्कर होती रही है। बीते आठ लोकसभा चुनावों को देखें तो तीसरे अथवा निर्दलीय प्रत्याशी दोनों प्रमुख दलों के आसपास भी नहीं ठहरे हैं। केवल रस्म अदायगी के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।  लोकसभा चुनाव में जमानत बचाने के लिए 16.66 प्रतिशत वोट प्राप्त करना जरूरी है। लेकिन बीते 10 लोकसभा चुनाव में तीसरे प्रत्याशियों को 16.66 प्रतिशत वोट भी नहीं मिले हैं। 1989 में जगदीश बुधानी को 1.2 प्रतिशत, 1991 जहूर चिश्ती को 1.2 प्रतिशत, 1996 में भैरोसिंह गुर्जर को 2.2 प्रतिशत, 1998 में कुणाल रावत को 1.8, 1999 में भरत को 2.8, 2004 में पारस जैन को 2.1 प्रतिशत वोट मिले। इसी तरह 2009 में रोहिताश्व को 1.2 प्रतिशत, 2014 में सांवरलाल को 1.1 प्रतिशत और 2019 में दुर्गालाल को 1.8 प्रतिशत वोट मिले।

1962 में मिले थे 21 प्रतिशत वोट

1962 के लोकसभा चुनाव में तीसरे नम्बर के प्रत्याशी सोभागमल ने 50 हजार 676 वोट (21 प्रतिशत) वोट हासिल किए थे। इससे पहले 1957 के लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी बिठ्टल दास को 9.4, कन्हैयालाल आजाद को 8.9 प्रतिशत वोट मिले थे। बाकी के चुनाव में स्थिति ठीक नहीं रही।

वर्ष विजेता प्रत्याशी प्रतिद्वंदी को तीसरे प्रत्याशी को वोट वोट को वोट

2019 8,51,076 3,98,652 13,618

2018 6,11,514 5,27,100 12,084

2014 6,37,874 4,65,891 12,149

2009 4,05,575 3,29,440 9,180

2004 3,14,788 1,86,812 11,224

1999 332130 24456 16,882

1998 290,524 284,752 10,950

1996 217655 179523 10,075

1991 211676 186333 7902

1989 30825 200215 6907