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Ajmer की बेटी चंद्रयान-3 और आदित्य एल-1 की बैटरी संभाल रही है

 
Ajmer की बेटी चंद्रयान-3 और आदित्य एल-1 की बैटरी संभाल रही है

अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर सूर्य और चंद्रमा के अध्ययन के लिए देश ने अंतरिक्ष विज्ञान क्षेत्र में नई छलांग लगाई है। आदित्य एल-1 और चंद्रयान-3 के सौर पैनल और बैटरी से जुड़ी गतिविधियों को अजमेर की बेटी संभाल रही है। दोनों अभियानों पर टीम की दिन-रात निगाहें लगी हैं। अजमेर की डॉ. शिल्पी शर्मा ने बताया कि साल 2006 में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र त्रिवेन्द्रम में शामिल हुई। पूर्व अध्यक्ष डॉ. के. सिवन के नेतृत्व में उन्होंने कामकाज शुरू किया। उन्होंने जर्मनी के यूनिवर्सिटी ऑफ डर्मर्स्टड से एम. एस. मेटेरियल साइंस की पढ़ाई भी की। शिल्पी की मेटेरियल साइंस, फेब्रिकेशन, पावर और अन्य क्षेत्रों की योग्यता के चलते इसरो ने उन्हें चंद्रयान-3 और आदित्य एल-1 अभियान टीम में शामिल किया। मौजूदा वक्त वह चंद्रयान और आदित्य एल-1 अभियान में सौर पैनल और बैटरी से जुड़ी गतिविधि पर दिन-रात निगरानी रखे हुए हैं। इसके तहत बैटरी संचालन, ऊर्जा खपत और उत्सर्जन, पैनल की वर्किंग, मैकेनिज्म कार्य शामिल है।

पढ़ाई के दौरान खूब करें परिश्रम

बेसिक नॉलेज को करें मजबूत

विज्ञान अथवा किसी भी क्षेत्र के बारे में पुख्ता जानकारी

प्रायोगिक ज्ञान को लगातार बढ़ाएं

प्रौद्योगिकी में क्लीयर हो फंडामेंटल

जीवन में शुरुआत से तय करें लक्ष्य

शिल्पी ने सेंट मेरीज कॉन्वेंट स्कूल से 12वीं के बाद बी. टेक की डिग्री ली। उन्होंने मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल तकनीकी क्षेत्र के साथ अंतरिक्ष विज्ञान में भी अध्ययन किया। उन्होंने डीआरडीओ सहित अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में कुछ वक्त कार्य किया। चंद्रयान -3 और आदित्य एल-1 के अलावा इसरो की नई परियोजनाओं के लिए वह अनुसंधान कर रही हैं।