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Ajmer दोस्तों से कर्ज लेकर पत्नी का इलाज, बालक को दिया नाम, नहीं आएगा काम

 
Ajmer दोस्तों से कर्ज लेकर पत्नी का इलाज,  बालक को दिया नाम, नहीं आएगा काम
अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर  सुभाष नगर स्थित बाल सम्प्रेषण गृह में पहुंचे किशोर को मुम्बई में दिहाड़ी श्रमिक उसके सौतेले पिता ने उसकी हरकतों व परिवार की नाराजगी के चलते फिर से अपनाने से इनकार कर दिया। उसका कहना है कि वह कभी रूपए तो कभी मोबाइल फोन चोरी कर घर से निकल जाता था। आखरी मर्तबा वह मल्टीमीडिया फोन चुराकर अजमेर भाग आया। मोबाइल पर बात करते हुए मुंबई में हमाली कर गुजर-बसर करने वाले बालक के सौतेले पिता ने बताया कि आठ साल पहले रेलवे स्टेशन पर एक महिला 5 साल के बालक के साथ भीख मांगते मिली। बच्चे पर तरस खाकर उसने उसकी मदद की। ज्यादा बीमार होने पर उसे अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। महिला की मौत के बाद उसने बच्चे को भी ना केवल अपना नाम दिया बल्कि अपने पैतृक गांव यूपी बहराइच लेकर गया।

उसने बताया कि पत्नी के विरोध के बावजूद उसे बहराइच में तीन बच्चों के साथ स्कूल में दाखिला करवाया लेकिन उसकी आदतें बिगड़ने लगी। मुम्बई लेकर आने के बावजूद हालात नहीं सुधरे। कभी मोबाइल तो कभी नकदी चोरी करन लगा।गतवर्ष दिपावली के 2 दिन पहले उसकी जेब से 6 हजार व पड़ोसी मित्र के यहां से 1600 रुपए चुरा ले गया। तीन दिन बाद पैसे पटाखों में खर्च कर घर लौटा। माटूंगा पुलिस ने उसे खिलौना पिस्टल कमर में लगाकर मुम्बई घूमते हुए पकड़ा। इसके बाद भी वह कई मर्तबा घर से निकल गया।

बालक पहले भी अजमेर आकर तीन माह तक दरगाह बाजार में टोपी बेचने का काम करता था। चाइल्ड लाइन संस्था के पास पहुंचने से 8-10 दिन पहले वह मुम्बई में था। इस बार वह उसका मल्टी मीडिया मोबाइल लेकर निकल गया। खुद के हालात बयां करते हुए बालक के सौतेले पिता ने बताया कि उसने दोस्तों से कर्ज लेकर बालक की मां का इलाज कराया। आधार कार्ड में अपना नाम भी दिया ताकि वह जिन्दगी बसर कर सके लेकिन उसकी हरकतों से नहीं लगता कि वह कभी सुधर सकेगा। अजमेर में पकड़े जाने के बाद चाइल्ड लाइन से सूचना मिली लेकिन अब वह उसे लेने नहीं आएगा।