Ajmer में छात्र को इयरफोन का ऑर्डर पड़ा भारी, हुई लाखों की ठगी

गूगल पर मिले कस्टमर केयर के नंबर पर संपर्क किया तो कॉलर ने उसे एक लिंक भेजा और पहले एक रुपए का पेमेंट ले लिया। बाद में वह पेमेंट रिफंड हो गया। पीड़ित स्टूडेंट ने साइबर पुलिस को बताया कि 8 तारीख को उसे मैसेज के जरिए पता चला कि उसके अकाउंट से दो ट्रांजैक्शन के जरिए एक लाख रुपये विड्रोल हो गए। इसके बाद उसने अपने पीएनबी अकाउंट को ब्लॉक करवाया। बाद में इसकी शिकायत साइबर थाने को दी। साइबर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 17 मुकदमे दर्ज जिले में साइबर थाना खुलने के बाद अब तक थाने में लाखों रुपए की ठगी के 17 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। लेकिन अभी तक पीड़ितों को उनके पैसे वापस नहीं मिले हैं। साइबर थाना पुलिस के द्वारा अभी तक किसी तरह के मुकदमों में खुलासे नहीं किए गए हैं।
एप इंस्टॉल करवा कर सरकारी टीचर से ठगी:
अजमेर जिले के सावर में रहने वाले सरकारी टीचर से ऑनलाइन ठगी की वारदात सामने आई है। टीचर को इलेक्ट्रिक चूल्हा ठीक करवाने के लिए गूगल से नंबर निकालना भारी पड़ गया। ठगों ने टीचर के अकाउंट से करीब 7 ट्रांजैक्शन के जरिए 3 लाख 40 हजार रुपए विड्रॉल कर लिए। टीचर ने साइबर थाने में इसकी शिकायत दी गई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जा शुरू कर दी है। साइबर थाना पुलिस के अनुसार सावर निवासी सरकारी टीचर महावीर प्रसाद शर्मा ने साइबर थाने पर ठगी की शिकायत दी है। शिकायत में टीचर ने बताया कि उन्होंने इलेक्ट्रिक चूल्हा ठीक करवाने के लिए गूगल पर नंबर सर्च किया था। गूगल पर नंबर निकालने के बाद कॉलर ने उनसे संपर्क किया और रस्क डेस्क एप डाउनलोड करवा ली। पीड़ित टीचर ने बताया कि ठगों ने बाद में टीचर का फोन हैक कर उनके फोन से डिटेल्स निकाल ली। बाद में उनके अकाउंट से करीब 7 ट्रांजैक्शन के जरिए 3 लाख 40 हजार रुपए विड्रोल कर लिए। इसकी जानकारी मिलने के बाद उन्होंने अपने एसबीआई बैंक पर संपर्क कर अकाउंट को ब्लॉक करवाया। पीड़ित टीचर की शिकायत पर साइबर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।