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Ajmer समाधिस्थ आचार्य विद्यासागर दीक्षा जयंती आज, होंगे आयोजन

 
Ajmer समाधिस्थ आचार्य विद्यासागर दीक्षा जयंती आज, होंगे आयोजन
अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर जैन आचार्य विद्यासागर की दीक्षा जयंती जैन समाज की ओर से संयम दिवस के रूप में मनाया जाएगा।दीक्षा जयंती पर अजमेर के कई जिनालयों में धार्मिक कार्यक्रम होंगे। अजमेर में सं 1958 में उनकी जैनेश्वरी दीक्षा हुई। संघ के अन्य साधु अजमेर को इसी नाते एक तीर्थ के रूप में जानते हैं। आचार्य की दीक्षा स्थली अजमेर के महावीर सर्कल के पास स्थित है। यहां पहले एक मैदान हुआ करता था। मैदान में दीक्षा हुई वहां एक कलात्मक कीर्ति स्तम्भ बनाकर यादों को संजोए रखने का प्रयास किया गया।

राजस्थान में सात चातुर्मास, सभी अजमेर जिले में : जैन संतों के चातुर्मास की बड़ी महत्ता है। आचार्यश्री के पहले सात चातुर्मास अजमेर जिले में हुए। तीन अजमेर शहर, दो किशनगढ़, एक ब्यावर और एक नसीराबाद में हुआ। सन 1974 में आचार्य ज्ञानसागर की समाधि के समय आचार्य पद विद्यासागर महाराज को दिया गया। नसीराबाद में आचार्य ज्ञानसागर की समाधि है।

आचार्यजी के मूल मंत्र

●आध्यात्मयोगी, सादा जीवन-उच्च विचार

●जनकल्याण और समाज की सदैव चिंता

●हथकरघा - रोजगार भत्ते से स्किल ग्रामीण क्षेत्रों, कारागारों में हथकरघा का स्किल डवलपमेंट प्रकल्प। अजमेर में एक केन्द्र संचालित।

●प्रतिभास्थली - भारत के कन्या आवासीय विद्यालयों को प्रमुखता - एक बच्ची की शिक्षा दो घरों को रोशन करती है।

●गोशालाएं

● कला पुनर्जीवन पिछले 40 साल से बिना सीमेंट चूने के मात्र पत्थरों के कलात्मक मंदिर बनाने की प्रेरणा

●इण्डिया नहीं भारत बोलो