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Ajmer पेट्रोल पम्प कर्मचारी से मारपीट, जान से मारने की दी धमकी, मामला दर्ज

 
Ajmer पेट्रोल पम्प कर्मचारी से मारपीट, जान से मारने की दी धमकी, मामला दर्ज
अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर    में एक पेट्रोल पम्प पर कर्मचारी से मारपीट और जान से मारने की धमकी देने का मामला सामने आया है। लाइटर से पेट्रोल पम्प को आग लगाने की धमकी भी दी। पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। पेट्रोल पम्प मैनेजर की रिपोर्ट पर सिविल लाइन थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पीलीखान नई बस्‍ती लोहाखान अजमेर निवासी विक्रम सिंह राठौड़ पुत्र मूल सिंह (42) ने बताया कि वह राजवंश फिलिंग स्टेशन भारत पेट्रोलियम पम्प घूघरा मे मैनेजर के पद पर कार्यरत है। रात करीब सवा 11 बजे चार पांच अज्ञात व्यक्ति चोरी व लूटपाट की नीयत से आए और कर्मचारी छोटू व हनुमान ने जब उन्हें चोरी करते हुए देख लिया तो उनको टोकने पर उन्होंने कर्मचारियों के साथ मारपीट शुरू कर दी।

उन्हें रोकने की कोशिश की तो उनमें से एक ने लाईटर निकाल लिया और धमकी दी कि अगर हमें रोकने की कोशिश की तो यहां पर आग लगा देंगें। आरोपियों ने मोबाइल भी तोड़ दिया। कर्मचारियों ने डर के कारण उन्हें नही रोका और वो लोग धमकाते हुए भाग गए। इसके बाद इसकी सूचना पेट्रोल पम्प संचालक प्रदीप गर्ग को दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच एससआई हरिराम यादव को सौंपी है।

मृत व्यक्ति की जमीन धोखे से बेची, दो गिरफ्तार

मोतीसर गांव के मृत व्यक्ति की जमीन धोखे से बेचने के मामले में पुलिस ने दो जनों को गिरफ्तार किया है। दोनों को रविवार को अजमेर स्थित अवकाश कालीन न्यायालय में पेश किया। जहां से दोनों आरोपितों को जेल भेजने के आदेश दिए। मोतीसर गांव के बींजा भांबी की 70 वर्षीय बेटी आपुदेवी व 60 वर्षीय बेटी सोहनीदेवी ने गत 18 फरवरी को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया की उनके पिता बींजा की 13 अगस्त 2010 को मौत हो चुकी हैं। उनके पिता के नाम के खेत व कुएं को किसी दूसरे व्यक्ति ने बींजा व बींजा का पुत्र श्रवण बनकर 1 करोड़ 40 लाख रुपये में चांद डेयरी के पास, धोला भाटा, अजमेर निवासी इंद्रजीत पुत्र गिरधारी लाल व नागौर जिले के थांवला थाना अंतर्गत भैरूंदा निवासी ताराचंद पुत्र किसनाराम रेगर के नाम बेचान कर दिया। रिपोर्ट में बताया कि फर्जी पंजीकरण की जानकारी उन्हें तब मिली जब दस्तावेज पटवारी के पास नामांतरण के लिए आया। उन्होंने तहसील कार्यालय से पंजीकृत दस्तावेज निकलवाया तो उसमें सूरजकुंड निवासी श्रवण भांबी व खरवा निवासी लेखराज बतौर गवाह अंकित थे। ब्यावर निवासी सेठू दलाल और गवाह श्रवण और चैनपुरा,नसीराबाद के रहने वाले प्रभुसिंह व नानूसिंह ने मिलकर पड़यंत्र रचकर जमीन का इंद्रजीत व ताराचंद को बेचान कर दिया।