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Ajmer लोग सेहत खराब करने वाले खाने को लेकर नहीं हैं गंभीर, हो रहे बीमारियों का शिकार

 
Ajmer लोग सेहत खराब करने वाले खाने को लेकर नहीं हैं गंभीर, हो रहे बीमारियों का शिकार 

अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर खराब भोजन और फास्ट फूड सेहत का दुश्मन है। चिकित्सकों की सलाह के बावजूद फास्ट फूड युवाओं की पहली पसंद बना हुआ है। खराब खाने से होने वाली बीमारियों को लेकर लोग गंभीर नहीं हैं। शहर के हर हिस्से में खाने के स्टॉल हैं। पुरानी मंडी, नया बाजार, वैशाली नगर, शास्त्री नगर, नगरा, श्रीनगर रोड, नसीराबाद रोड, रामगंज, केसरगंज, स्टेशन रोड-सिविल लाइंस, पुलिस लाइन, फॉयसागर रोड जैसे विभिन्न क्षेत्रों में हजार खाने के स्टॉल, ठेले हैं। इसके अलावा मोडिफाइड वाहनों में फास्ट फूड बेचा जा रहा है। समोसा, कचौड़ी, मंगोड़े, भजिए, आलू टिक्की, छोले भटूरे, छोले कुल्चे, पेटीज, डोसा, चाउमिन से लेकर अन्य भोज्य सामग्री उपलब्ध है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक एक दिन में लगभग 16 लाख लोग खराब खाने के चलते बीमार होते हैं। डायरिया और कैंसर सहित करीब 200 बीमारियां खराब खाने के कारण होती हैं। दुनिया में 10 में एक व्यक्ति खराब खाने से बीमार होता है। पांच साल से कम उम्र के बच्चों में 40 प्रतिशत खराब खाने से बीमार होते हैं। खाने में पौष्टिकता की कमी इसके लिए जिम्मेदार है।

खराब खाद्य पदार्थ से सेहत पर पड़ रहा है असर फास्ट फूड कभी-कभी टेस्ट में बदलाव के लिए सेवन करने तक ठीक है। रोजमर्रा में तीखे मसालेदार भोजन और फास्ट फूड का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। युवाओं को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। भोजन में पौष्टिक तत्वों का मिश्रण बेहद जरूरी है। गुणवत्ताहीन भोजन सेहत खराब करने के साथ बीमारियों को आमंत्रित करता है। मोटे अनाज, दाल, पारंपरिक आहार और विटामिन युक्त भोजन को दिनचर्या में अधिकाधिक शामिल करना चाहिए।

मेडिकल कॉलेज चिकित्सकों का सांकेतिक धरना 21 को

अजमेर राजकीय मेडिकल कॉलेज टीचर्स की लम्बित मांगों का निस्तारण नहीं होने एवं सरकार की ओर से सकारात्मक पहल नहीं होने के कारण 21 अगस्त को सांकेतिक धरना दिया जाएगा। सभी मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्यों को ज्ञापन सौंपा जाएगा। जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ. अरविन्द खरे ने बताया कि 21 अगस्त सुबह 11 बजे अजमेर सहित मेडिकल कॉलेजों में प्रधानाचार्य से मिलकर टीचर्स चिकित्सकों की भावना से अवगत कराया जाएगा व सांकेतिक धरना दिया जाएगा। इसके बाद 22 अगस्त को मुख्यमंत्री से मुलाकात की जाएगी। एक सितम्बर को प्रमुख शासन सचिव से वार्ता की जाएगी। इसके बाद भी समाधान नहीं होने पर 2 सितम्बर को सामूहिक अवकाश लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि विगत 21 अप्रेल से लंबित मांगों के लिए काली पट्टी बांधकर कार्य किया जा रहा है। तीन बार कार्य बहिष्कार स्थगित कर दिया गया। इसके बावजूद उनकी मांगों का समाधान नहीं किया गया है।