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Ajmer नर्सिंग स्टाफ की कमी, कुछ नर्सिंग कॉलेजों में सेवाओं के लिए करे रहे आवेदन

 
Ajmer नर्सिंग स्टाफ की कमी, कुछ नर्सिंग कॉलेजों में सेवाओं के लिए करे रहे आवेदन
अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में नर्सिंगकर्मियों की रात्रिकालीन ड्यूटी से कई महिला नर्सिंग ऑफिसर व नर्सिंगकर्मी मुंह फेरने लगे हैं। राजनीतिक दबाव से ड्यूटी बदलवाने या फिर छोटे बच्चों के बहाने वे सिर्फ दिन में ड्यूटी देने को ही तैयार हो रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों में तो नर्सिंग स्कूल एवं नर्सिंग कॉलेज में बतौर ट्यूटर सेवाएं देने की अर्जी लगाई जा रही हैं। अस्पताल में विभिन्न विभागों में सेवाएं देने वाले नर्सिंगकर्मियों की ओर से ड्यूटी स्थान परिवर्तन, नर्सिंग कॉलेज व स्कूल में ड्यूटी के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है। बतौर नर्सिंग ऑफिसर वे वार्ड या अन्य विभागों में सेवा नहीं देना चाहते हैं। कुछ पारिवारिक कारण, कुछ छोटे बच्चों की परेशानी तो कोई निजी वजह बताकर अधीक्षक व प्रधानाचार्य को अर्जी दे रहे हैं। नर्सिंग अधीक्षक सरोज एवं अस्पताल प्रबंधन नर्सिंग ऑफिसर व नर्सिंगकर्मियों के इस व्यवहार से कहीं ना कहीं नाराजगी भी जाहिर कर रहे हैं।

400 नर्सिंगकर्मियों के तबादले से दबाव तो नहीं वजह?

जेएलएन अस्पताल से करीब 400 नर्सिंगकर्मियों ने अपने तबादले इच्छुक स्थानों पर करवा लिए थे। आचार संहिता लगने से पहले हुए तबादले व रिक्त पदों का दबाव भी नर्सिंगकर्मियों पर बढ़ा है। कई मेल नर्सिंग ऑफिसर मात्र दिन में ड्यूटी देते हैं। कुछ ऐसे विभागों में ड्यूटी देने को आतुर रहते हैं, जहां काम बहुत कम है। वार्डों में ड्यूटी लगने एवं रात्रिकालीन ड्यूटी से कुछ बचने का जुगाड़ ढूंढ रहे हैं। नर्सिंगकर्मियों पर काम का दबाव, रात्रिकालीन ड्यूटी एवं सीसीएल आदि मामले को लेकर जेएलएन अस्पताल अधीक्षक डॉ. अरविन्द खरे से नर्सिंग अधीक्षक, नर्सिंग यूनियन के अध्यक्ष महिपाल चौधरी की भी सोमवार को वार्ता हुई।