Ajmer निगम कमिश्नर कोर्ट में तलब, अफसरों पर कार्रवाई की अनुशंसा
अदालत ने अपने विस्तृत निर्णय में लिखा कि आरोपी नौ साल तक अदालत में चक्कर लगाता रहा। उसकी व्यक्तिगत व पारिवारिक तथा सामजिक प्रतिष्ठा धूमिल हुई। यह मूल अधिकार का उल्लंघन है। अदालत ने लिखा कि बीते नौ साल तो नहीं लौटाए जा सकते लेकिन निगम के खिलाफ कार्रवाई कर उसकी पीड़ा को कम किया जा सकता है।
प्रकरण एक नजर में
नगर निगम की ओर से तत्कालीन सहायक अभियंता ओम प्रकाश साहू ने तानाजी नगर, भजनगंज निवासी रामचंद्र सिंगोदिया के खिलाफ पालिका अधिनियम की धारा 194 के तहत एक परिवाद पेश किया। जिसमें आरोप लगाया सिंगोदिया ने बिना मानचित्र स्वीकृति के निर्माण कर लिया व वहां गोदाम बनाया जाकर व्यावसायिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। इस संबंध में दोनों पक्षों की ओर से दस्तावेज व गवाही कराई गई। अदालत ने फैसले में लिखा कि निगम की ओर से मात्र एक पड़ोसी की शिकायत पर परिवाद दायर कर दिया लेकिन पड़ोसी ही अपने बयान में अवैध निर्माण साबित नहीं कर सका। निगम की ओर से आरोपी को दिए नोटिस भी निगम साबित नहीं कर सका। मौका नक्शा की रिपोर्ट कार्यालय में बैठकर ही तैयार कर ली। यह रिपोर्ट किसने बनाई, निगम की ओर से अदालत में जवाब देते नहीं बना।