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Ajmer मोयले ने जिले में बढ़ाई लोगों की परेशानी, आप भी रहें सावधान

 
Ajmer मोयले ने जिले में बढ़ाई लोगों की परेशानी, आप भी रहें सावधान

अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर में बदलते मौसम व फसलों की कटाई के कारण शहर में इन दिनों मोयला तेजी से बढ़ रहा हैं। वाहन चालक इससे अपनी आंखों को बचाते नजर आने लगे हैं। डॉक्टर कहते हैं कि इसके आंखों में गिरने से इंफेक्शन का खतरा रहता है। नैत्र चिकित्सकों की माने तो मोयला गिर जाने पर उसको निकालने का सही तरीका नहीं अपनाया जाए तो नैत्र संबंधी कई रोग हो सकते है। इस कीट के गिरने से मोतिया बिंद या काला पानी सहित आंखों से जुड़ी अन्य बीमारियां भी हो सकती है। इससे बचने के लिए डॉक्टर वाहन चालकों को चश्में और ग्लास वाला हेलमेट के उपयोग करने की हिदायत देते है। यह खासकर सवेरे सूर्य निकलने और दोपहर बाद काफी सक्रिय रहते है। दोपहर में धूप तेज रहने पर यह कीट नष्ट भी हो जाता है। थोड़े समय के लिए पनपता यह जीव व्यक्ति के आंखों में गिरकर आंखों के रोग फैलाते है।

मोयला अक्सर सरसों की फसल में फूल आने पर लगता है। खासकर फरवरी-मार्च में सक्रिय रहता है। इस समय अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से अधिक होने पर मोयला अधिक संख्या में फैलता है। यह फसल रायड़े व जीरे सहित रबी की विभिन्न फसलों में झूंड के रुप में बैठकर फसलों से रस चूसता है। पूरी फसलों को नष्ट कर देता है। आंखों में मोयले के गिरने से जलन होती है। इससे कॉर्नियल इंफेक्शन होता है।

ऐसे करें बचाव

मोयला कीट मौसम में आ रहे बदलाव के कारण काफी सक्रिय हो जाता है। वाहन चालकों को चश्में और हेलमेट का उपयोग करना चाहिए। मोयले के आंखें में गिरने से हाथ या रुमाल से निकालने पर इंफेक्शन हो सकता है। इसको आंखों से निकालने के लिए गर्म किए हुए पानी को ठंडा कर उसी पानी से आंख को अच्छी तरह धोना चाहिए। मोयले के कारण आईफ्लू की बीमारी फैलती है। दो या तीन दिन तक आंखों में जलन, आंखों में पानी आने पर डॉक्टर की सलाह पर आईड्रॉप का उपयोग करना चाहिए। आंख में मोयले गिरने के बाद भी इलाज में लापरवाही बरतने पर उससे कॉर्नियल इंफेक्शन होने और समय पर इलाज नहीं लेने पर आंखों की रोशनी भी जा सकती है।