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Ajmer मूक-बधिर महिला से दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा

 
Ajmer मूक-बधिर महिला से दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा
अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर एससीएसटी मामलात अदालत की न्यायाधीश डॉ रेणु श्रीवास्तव ने एक मूक बधिर दलित महिला से मारपीट व उसके हाथ-पैर बांध कर दुष्कर्म करने के मामले में अभियुक्त सरवाड़ थानातंर्गत खीरिया निवासी सौराज उर्फ मोग्या को प्राकृतिक मृत्यु होने तक कैद में रखे जाने की सजा सुनाई। पीडिता के साथ वारदात बकरी चराने के दौरान हुई। अदालत ने 20 हजार रुपए के जुर्माने से भी दंडित किया।

इशारों की भाषा में समझाई वारदात

पीड़िता के मूक बधिर होने के कारण पुलिस को भी अपराध साबित करना चुनौती था। पीड़िता ने पहले अपनी पुत्री को इशारे में संपूर्ण वारदात को समझाया। अदालत में भी गवाही के दौरान पीडिता ने आरोपी को पहचाना व उसकी गलत हरकतों को अदालत के समक्ष इशारों से समझाया। इसकी पुष्टि गवाहों के रूप में पीडिता की पुत्री ने भी की। पुत्री ने कहा कि वह अपनी माता से बचपन से ही इशारे में बात करती रही है। उसकी माता ने वारदात को भी इसी प्रकार समझाया। विशिष्ट लोक अभियोजक मंजूर अली ने 11 गवाह व 26 दस्तावेज पेश किए। डीएनए रिपोर्ट से भी अपराध की पुष्टि हुई।

प्रकरण के तथ्य

पीड़िता के पुत्र ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि उसकी माता मूक बधिर है। वह 30 जनवरी 2021 को बकरी चराने खेतों में गई थी। वहां खेतों की रखवाली कर रहे सौराज मोग्या ने पत्नी गीता की मौजूदगी में उसकी माता के हाथ पैर बांध कर लकड़ी से मारपीट की तथा गलत काम किया। देर रात्रि तक जब पीड़िता व बकरियां नहीं लौटीं तो वह खेतों में ढूंढने गए तो उसकी माता वहां गुमसुम बैठी मिली। मूक बधिर होने के कारण वह तत्काल अपनी बात नहीं बता सकी। अगले दिन जब परिवादी की बहन आई तो उसने माता की हालत देखी। शरीर में चोटें व शरीर के अन्य भागों से खून आ रहा था। इसके बाद वह थाने में रिपोर्ट कराने 2 फरवरी 2021 को पहुंचे। पुलिस ने आरोपी दंपती को गिरतार कर चालान पेश किया। मामले की सुनवाई के बाद आरोपी महिला को बरी कर दिया।