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Ajmer हैदराबाद की फर्म ने जिला डिस्कॉम को दी 9 करोड़ रुपए की फर्जी गारंटी

 
Ajmer हैदराबाद की फर्म ने जिला डिस्कॉम को दी 9 करोड़ रुपए की फर्जी गारंटी

अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर डिस्कॉम से टैंडर प्राप्त कर हैदराबाद की फर्म की ओर से फर्जी बैंक गारन्टी देने का मामला सामने आया है। फर्म की ओर से राजसमंद व उदयपुर में कार्य के लिए 8 करोड़ 75 लाख 10 हजार रुपए की तीन गारन्टी दी गई। इनके दस्तावेज फर्जी पाए जाने पर अजमेर डिस्कॉम की ओर से फर्म व उसके डायरेक्टर सहित सात के खिलाफ क्रिश्चयनगंज पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया है।

डिस्कॉम ने ये दर्ज कराई शिकायत

अजमेर डिस्कॉम के कॉर्पोरेट ऑफिस में कार्यरत वरिष्ठ लेखाधिकारी (परियोजना) और समन्वयक प्रदीप मोरानी ने क्रिश्चयनगंज थाने में रिपोर्ट दी। इसमें बताया कि कार्यालय की ओर से मैसर्स नवलीन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड हैदराबाद को अजमेर डिस्कॉम के जिले राजसमन्द में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (RGGVY) एवं दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना (DDUGJY) तथा उदयपुर में दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना (DRUGJY) के तहत विद्युतीकरण के लिए टर्नकी आधार पर टैंडर दिए गए। टेण्डर प्राप्त करने वाली कम्पनी को बैंक गारंटी देनी थी। जो बैंक गारंटियां कार्य पूर्ण होने तक विभाग में जमा रखनी थी। फर्म द्वारा बैंक गारंटियां जमा की गई एवं समय-समय पर विभाग द्वारा मांग करने पर इन बैंक गारंटियों की वैधता भी बढ़ाई कई। ये तीन गारन्टियां 8 करोड़ 75 लाख 10 हजार रुपए की थी।

फर्म ने माना-फर्जी दस्तावेज

बैंक गारंटी के अवधि विस्तार के लिए जनवरी-2023 में फर्म को पत्र लिखा गया। फर्म द्वारा कोई जवाब प्राप्त न होने पर बैंक गारंटी की वैधता समाप्त होने से पहले बैंक को मार्च-2023 में पत्र ईमेल एवं स्पीड पोस्ट द्वारा प्रेषित किया गया। इसको लेकर रिमाइंडर भी भेजे गए। इस दौरान फर्म को और भी पत्र भेजे गए। बैक द्वारा सूचना दी गई कि कोई गारन्टी सिस्टम में नहीं है। इसके बाद फर्म को स्प्ष्टीकरण के लिए नोटिस जारी किए। लेकिन फर्म ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिए। इसके बाद फर्म की ओर से भेजे गए 1 अगस्त 2023 के पत्र में स्वीकार किया कि बैंक गारटियां जाली/फर्जी है।

कार्य कर लगातार उठाती रही पेमेन्ट

इस प्रकार टेण्डर प्राप्तकर्ता कम्पनी ने विभाग की ओर से जारी किए गए टैंडर में तय शर्तों और दिशा निर्देशों की अवेहलना की गई है तथा एक सरकारी विभाग को प्रत्यक्ष रूप से हानि पहुंचाई गई। विभाग द्वारा टेण्डर प्राप्तकर्ता कम्पनी को निविदा के तहत दिए गए जिले उदयपुर व राजसमन्द में कम्पनी लगातार कार्य करके बिल प्रस्तुत कर परिलाभ प्राप्त करती रही।